वोट जरुर डालें नहीं तो बिक जाने वाले 25 लोग 25 लाख लोगों का सांसद तय करने लगेंगे !
ये नए लोकतंत्र की ‘सूरत’ है जिसमें यदि आपको सांसद बनना है तो आपको अपने संसदीय क्षेत्र के 25 लाख मतदाताओं से जुड़ने या उनके बारे में सोचने की कोई जरूरत नहीं है। जरूरत है तो केवल उन 25 लोगों की चिंता करने की जो चुनाव लड़ना चाहते हैं। इन्हीं में से आपको किसी को दबाव से, किसी को प्रभाव से तो किसी को उचित और अनुचित साधन से चुनाव मैदान से हटाना है और बस बन गये आप सांसद। इसलिए इंदौर के चुनाव को महत्वहीन मत समझिए। यह चुनाव केवल 2024 का नहीं बल्कि देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है। यदि इस मौके पर आप घर से नहीं निकले तो आप हमेशा के लिए इन 25 लोगों के गिरोह के हाथ अपना लोकतंत्र सौंप देंगे।
लोकतंत्र के इस इंस्टेंट पायलट प्रोजेक्ट की सफलता और असफलता का आपके हाथ में निहित है। आप ही यह तय करेंगे कि आपको कितने सूरत और कितने इंदौर चाहिए?सोचिए जो लोग 25 लोगों को मैनेज करके 25 लाख लोगों के सांसद बन सकते हैं, वह आपकी कितनी चिंता करेंगे? चुनाव यह तय करने का समय है कि जिसे आपका सांसद बनना है उसे आपके घर के दरवाजे पर कम से कम एक बार दस्तक देना जरूरी है या नहीं? उसे आपके सवालों के जवाब देना जरूरी है या नहीं?
नामांकन वापसी के घटनाक्रम की चर्चा करना बेमानी है लेकिन वोट करते समय उसको ध्यान में रखना जरूरी है। इंदौर और इंदौर वासियों के लिए इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा यही है। शुक्र मनाइए कि आपको कम से कम लोकतंत्र को हैकिंग से बचाने के लिए एक अवसर तो मिला है। सूरत के मतदाता इतने भाग्यशाली नहीं थे। यह चुनाव उन लोगों का धन्यवाद करने का भी समय है जिनके चलते आपको मतदान का अवसर मिल रहा है नहीं तो कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी? इसके साथ ही ईश्वर से कामना करनी चाहिए कि इंदौर और सूरत आपको स्थानीय निकायों, पंचायत और समितियां के चुनाव में ना दिखें, नहीं तो जो होगा उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकेंगे। क्योंकि जब आदर्श ने जो आदर्श प्रस्तुत किया है तो अनुचर उसका पालन नहीं करेंगे इसकी संभावना कम है। इसलिए आपका वोट जरूरी है। सोचना जरूरी है कि ऐसा क्या था कि 25 लाख लोगों की राय को थोथी साबित करने की कोशिश की गई?
व्हाट्सएप से सावधान
लोकतंत्र को बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप व्हाट्सएप से सावधान रहें। कहते हैं कि अंधेरे का डर वही दिखता है जिसे अपनी टॉर्च बेचनी होती है। चुनाव के काल में आपको व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से बहुत भावुक और बहुत डरावने टाइप के मैसेज आ रहे होंगे? 90% मैसेज पूर्ण रूप से फर्जी है और केवल इसलिए भेजे गए हैं कि जो डर सकता है उसे डरा कर वोट ले लें और जो झांसे में आ सकता है उसके साथ झांसेबाजी कर लें। लक्ष्य केवल आपका वोट हथियाना है।
वोट वास्तविक है इसलिए उसे काल्पनिक मुद्दों पर खर्च न करें । व्हाट्सएप की दुनिया से बाहर निकलिए और लोकतंत्र के भविष्य के लिए मतदान कीजिए क्योंकि देश का भविष्य लोकतंत्र के भविष्य से अलग नहीं है।
मतदान करते समय याद रखिए ससुर को देख कर दामाद नहीं तय किए जाते हैं। सूरत वाले इंस्टेंट लोकतंत्र से देश को बचाने की प्रक्रिया ही यह चुनाव है। चुनाव के जरिए आपको चुनना है कि क्या आप लोगों को बिना चुनाव के सत्ता में आने की अनुमति दे सकते हैं? लोकतंत्र को हैक करने की पहला कदम यही है कि आपकी रुचि पहले मतदान में कम हो उसके बाद आपकी रुचि अपने आप ही चुनाव में कम हो जाएगी और इस तरह से 25 लोगों को मैनेज करके25 लाख लोगों का सांसद चुनवाना आसान हो जाएगा? इसलिए भी मतदान जरूरी है।