सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीश विश्व हिंदू परिषद की बैठक में शामिल हुए
एचपी के विधिक प्रकोष्ठ ने न्यायिक सुधारो पर बुलाई थी बैठक , मथुरा और काशी पर भी हुई चर्चा, कुल 30 पूर्व न्यायाधीश शामिल हुए बैठक में
अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा के लिए जाने की चर्चा चल ही रही है और अब खबर मिली है कि विश्व हिन्दू परिषद यानी वीएचपी की बैठक में सर्वोच्च न्यायालय के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों सहित कुल 30 पूर्व न्यायाधीश सम्मिलित हुए हैंं। इसमें शामिल होने वाले अन्य पूर्व न्यायाधीश अलग-अलग उच्च न्यायालयों से थे।
न्यायिक सुधारों पर रविवार को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के विधिक प्रकोष्ठ की दिन भर चली बैठक में शामिल हुए 30 पूर्व न्यायाधीशों में सर्वोच्च न्यायालय के कम से कम दो सेवानिवृत्त न्यायाधीश भी शामिल थे। पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल, जो 2018 में अदालत से सेवानिवृत्त होने के बाद पिछले साल तक राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते रहे, और जस्टिस हेमंत गुप्ता उन लोगों में शामिल थे, जो वीएचपी के कार्यक्रम में शामिल हुए।
संपर्क करने पर जस्टिस गुप्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम देश में मौजूदा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए था और इसको संबोधित करने वालों में शामिल नहीं थे, वे केवल श्रोता के रूप में वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा, ” कार्यक्रम की आयोजक एक कानूनी संस्था है जो अपनी गतिविधियों को अंजाम देती है और एक नागरिक के तौर पर मुझे किसी भी ऐसे समारोह में शामिल होने का अधिकार है जो कानून द्वारा प्रतिबंधित नहीं है।”
इसी तरह से समारोह में भागीदारी करने वाले दूसरे पूर्व न्यायाधीश जस्टिस गोयल ने संपर्क किए जाने पर इस बात से इनकार नहीं किया कि वे इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनके सचिव ने कहा, “कृपया इस बारे में वीएचपी के कानूनी प्रकोष्ठ से बात करें।”
इस कार्यक्रम का आयोजन विहिप के “विधि प्रकोष्ठ” या कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा किया गया था और इसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 30 सेवानिवृत्त न्यायाधीश, विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार शामिल हुए थे। यहां पर हुई चर्चा में वाराणसी और मथुरा के मंदिरों पर कानूनी विवाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दे शामिल थे।
एमपी और बिहार हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे हैं गोयल
पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल, जो 2018 में अदालत से सेवानिवृत्त होने के बाद पिछले साल तक राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते रहे, और हेमंत गुप्ता उन लोगों में शामिल थे, जो वीएचपी के कार्यक्रम में शामिल हुए। “2018 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने से पहले जस्टिस गुप्ता मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और पटना हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
ओडीशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे गुप्ता
2022 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस गुप्ता को इंडिया इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए, जिसमें 2022 में कक्षाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखना भी शामिल है।जस्टिस गोयल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने से पहले उड़ीसा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। वे उस बेंच में शामिल थे जिसने 2018 में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत कुछ मामलों में अभियुक्तों के लिए अग्रिम ज़मानत की अनुमति दी थी, जिसे व्यापक रूप से अधिनियम के कमज़ोर होने के रूप में देखा गया था। 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने इसे वापस ले लिया।