राष्ट्रपति ने अपने वफादार को बनाया यूनिवर्सिटी का रेक्टर तो सड़कों पर उतरे स्टूडेंट्स
मामला तुर्की की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी का, राष्ट्रपति एर्डोगान का विरोध तेज
इस्तांबुल (तुर्की)
अपने आप को इस्लामिक दुनिया के खलीफा के रूप में स्थापित करने में लगे तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब एर्डोगान के अपने ही देश के स्टूडेंट्स के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। एर्डोगान ने अपने एक समर्थक को तुर्की की सबसे पुरानी बोगाजिकी यूनिवर्सिटी का रैक्टर नियुक्त कर दिया है। इस नियुक्ति से छात्र और प्राध्यापक दोनों नाराज हो गए हैं। इसके बाद स्टूडेंट्स विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं। इन्हें यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स का भी समर्थन है।
एर्डोगान फ्रांस में एक शिक्षक की हत्या के बाद हुए प्रदर्शनों के मामले में फ्रांस के खिलाफ बयान देने को लेकर भी चर्चा में थे।
आमतौर पर तुर्की में इस तरह के प्रदर्शन आसानी से दबा दिए जाते हैं लेकिन इस बार पुलिस इन स्टडेंट्स से निपटने में पसीने छूट गए हैं। जनवरी में एर्डोगान ने अपने समर्थक मेलिह बुलू को बोगाजिकी यूनिवर्सिटी का रैक्टर नियुक्त कर दिया है। यह नियुक्ति एर्डोगान ने अपनी डिक्री के आधार पर की है। बताया गया है कि 1980 के सैन्य शासन के पहली बार इस यूनिवर्सिटी में बाहर के किसी व्यक्ति को रैक्टर नियुक्त किया गया हैै।
इस नियुक्ति को विवि की एकाडमिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप बताते हुए फैकल्टी और स्टूडेंट्स नाराज हैं। उनका कहना है कि यह विवि के उदार और खुले वातावरण को समाप्त करने की कोशिश है।
72 घंटे से चल रहा आंदोलन
इस नियुक्ति के बाद तीन दिन से स्टूडेंट्स सड़कों पर हैं और अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने उन पर सख्ती की कोशिश की लेकिन प्रदर्शन जारी रहे। उनका कहना है कि जब तक रैक्टर को हटा नहीं दिया जाता हम तब तक लड़ेंगे। इस मामले में स्टूडेंट्स के प्रदर्शन की कईं युवाओं ने प्रशंसा की है क्योंकि तुर्की में सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों को बेरहमी से दबा दिया जाता है। ऐसे में स्टूडेंट्स का तीन से चला रहा प्रदर्शन बहुत महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।
सोमवार को पुलिस स्टूडेंट्स पर सख्ती की कोशिश की और कई स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया लेकिन प्रदर्शन बंद नहीं हुए हैं।
यूनिवर्सिटी पर कब्जा करना चाहते हैं एर्डोगान
स्टूडेंट्स का आरोप है कि एर्डोगान की पार्टी एकेपी अपने लोगों को यूनिवर्सिटी का रैक्टर नियुक्त कर इन पर अपना कब्जा जमाना चाहती है। एर्डोगान इस तरह की नियुक्ति तुर्की के कईं यूनिवर्सिटीज में कर चुके हैं। बोगाजिकी यूनिवर्सिटी का रैक्टर नियुक्त किए गए मेलिह बुलू एर्डोगान की पार्टी एकेपी से चुनाव भी लड़ चुके हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि पिछले एक साल से एर्डोगान एजुकेशन सेक्टर पर अपना कब्जा जमाने की कवायद में जुटे हैं।
कौन है एर्डोगान ?
एर्डोगान इस्लामी दुनिया के नए खलीफा बनना चाहते हैं। उनके तुर्की के राष्ट्रपति बनने के बाद से अतातुर्क के राज में धर्मनिरपेक्ष बना तुर्की एक बार फिर से इस्लामी कट्टरपंथ के राह पर चल पड़ा है। वे कश्मीर के मामले में खुलकर पाकिस्तान की तरफदारी करते हैं तो वहीं उन्हीं के राज में ही तुर्की में हागिया सोफिया के संग्रहालय को मस्जिद में बदला गया है। इतना ही नहीं भारतीय अभिनेता आमिर खान पिछले दिनों उनसे मिले भी थे। इसके बाद आमिर खान की भी आलोचना हुई थी।
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