अक्टूबर तक आगे बढ़ाए जाएंगे नगर निगम चुनाव!
अधिकारी नहीं चाहते जल्दी चुनाव
भोपाल
मध्यप्रदेश में अब तक स्थानीय निकाय चुनावों की तिथियां घोषित नहीं की गई हैं। हालांकि संभावनाएं जताई जा रही है कि चुनाव अप्रैल माह में हो सकते हैं लेकिन वहीं यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव को अक्टूबर माह तक टाला जाएगा।
इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि अधिकारी वर्ग नहीं चाहता कि चुनाव जल्दी हों। उनका मानना है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ तालमेल बैठाने में उनको दिक्कत का सामना करना पड़ता है ऐसे में जितनी देर तक हो सके चुनावों को टाला जाना चाहिए।
बताया जा रहा है कि फिलहाल कोरोना के मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं इसके आधार पर चुनाव टाले जाएंगे। उसके बाद बारिश का हवाला दिया जा सकेगा। इस तरह से सितंबर में चुनाव की घोषणा की जाए और चुनाव अक्टूबर नवंबर माह में संपन्न करा लिए जाएं। इस तरह से अधिकारियों को स्थानीय निकाय चलाने के लिए लगभग 7 माह का समय और मिलेगा।
क्या है आधार
चुनाव पहले ही निर्धारित समय से लेट हो चुके हैं लेकिन कोरोना काल का हवाला देकर इसे अभी और लेट किया जा सकता है। यह जानकारी भोपाल के चक्कर लगाने वाले नेताओं को अधिकारियों के जरिए ही मिली है। कहा जा रहा है कि 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद अधिकारियों के भाजपा सरकार में सीधे संबंध हो गए हैं। इन संबंधों के आधार पर उन्होंने सरकार को यह समझाने की कोशिश की है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि के आ जाने के बाद उनका हस्तक्षेप हर काम में हो जाएगा, अतः इसे जितनी देर तक टाला जाए उतना ही अच्छा होगा।
सरकार भी सहमत!
इसके पहले जनवरी में स्थानीय निकाय हो जाने की संभावनाएं जताई गई थी लेकिन कोरोना का हवाला देकर इसे आगे बढ़ा दिया गया। जबकि राजस्थान में निकाय चुनाव हो गए हैं इसी तरह से गुजरात में इनकी प्रक्रिया जारी है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश में भी पंचायत चुनाव की तैयारियां हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश में भी जनवरी में चुनाव कराए जा सकते थे। जब प्रदेश में 28 विधानसभा में चुनाव कराए जा सकते हैं तो स्थानीय निकाय चुनाव कराने में भी कोई समस्या नहीं थी लेकिन उस समय भी सरकार ने अधिकारियों के कहने पर चुनाव आगे बढ़ाएं थे।
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सभी आवश्यक है।