अडानी पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और अफसरों को 200 करोड़ की रिश्वत देने का केस दर्ज

जुर्माने से लेकर 25 साल तक की हो सकती है सजा

गौतम अडानी और उनके ग्रुप पर भारत में सेबी के बाद अमेरिका में सेक यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अडानी पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इस मामले में अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी, और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए गए हैं।

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बताया जा रहा है कि यह मामलाअमेरिका में बड़ी कॉर्पोरेट धोखाधड़ी में से एक है। अदानी ग्रुप ने ढाई करोड डॉलर यानी लगभग 208 करोड़ रुपए की रिश्वत देकर अमेरिका में सोलर प्रोजेक्ट हासिल करने की कोशिश की जिनसे उन्हें दो अरब डॉलर का फायदा हो सकता था। इसके अलावा अदानी पर अमेरिकी निवेशकों से 1450 करोड रुपए गलत तरीके से जताने का आरोप भी है। सेक की कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि गुरुवार को अडानी के शेयर में गिरावट देखी जा सकती है।

SEC ने बुधवार को इन व्यक्तियों पर सिक्योरिटीज और वायर धोखाधड़ी करने की साजिश रचने और सब्सटैंटिव सिक्योरिटीज धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इन आरोपों का संबंध एक अरबों डॉलर की योजना से है। आरोप है कि अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थाओं से गलत और भ्रामक बयान देकर धन जुटाया गया। SEC ने आरोप लगाया कि यह रिश्वत देने की योजना अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर को भारत सरकार द्वारा दिए गए अरबों डॉलर के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट का लाभ उठाने के लिए बनाई गई थी।

क्या है शिकायत में ?

SEC की शिकायत में कहा गया कि ये लोग फेडरल सिक्योरिटीज कानूनों के एंटी-फ्रॉड प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे थे। SEC के बयान के अनुसार इस योजना के दौरान अडानी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर (करीब 1,450 करोड़ रुपये) से अधिक जुटाए। एज़्योर पावर का शेयर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड हो रहा था।

न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला अटॉर्नी ऑफिस ने गौतम अडानी, सागर अडानी, काबेनेस और अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप भी दायर किए हैं। इन आरोपों में विदेशी भ्रष्टाचार प्रथाएं अधिनियम (FCPA) का उल्लंघन करते हुए रिश्वत देने की साजिश शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि 2020 और 2024 के बीच अडानी और उनके सहयोगियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (करीब 20.75 अरब रुपये) से अधिक की रिश्वत दी।

रिश्वत देने का मकसद सौर ऊर्जा परियोजनाओं को हासिल करना था। इससे अगले 20 वर्षों में 2 अरब डॉलर से अधिक का लाभ होने की संभावना है।अडानी और उनके सहयोगियों पर निवेशकों को धोखा देने के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, आरोप है कि उन्होंने जांच में रुकावट डालने की कोशिश की। FBI के सहायक निदेशक जेम्स डेनन्ही ने कहा कि आरोपियों ने न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है।

कितनी सजा हो सकती है?

SEC के पास किसी को जेल भेजने का अधिकार नहीं है वह अपनी तरफ से केवल जुर्माना लगती है लेकिन यदि उसे लगता है कि फ्रॉड बहुत गंभीर किस्म का है तो वह इस मामले को फेडरल एजेंसी को शॉप देती है और वहां पर इस तरह के मामलों में 25 साल तक की सजा क्या प्रावधान है।

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