सेना की वर्दी पहनने पर पीएम मोदी के खिलाफ भी यूपी की कोर्ट ने जारी किया था नोटिस
फरवरी 2022 में प्रयागराज की जिला कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कश्मीर स्थित नौशेरा सेक्टर की यात्रा के दौरान सैन्य वर्दी पहनने के मामले में नोटिस जारी किया था। आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि सैन्य वर्दी पहनने के नियम कितने कठोर है? इस मामले का वर्तमान में क्या स्टेटस है इसकी जानकारी तो नहीं है लेकिन यह मामला सुर्खियों में रह चुका है। इसके बाद भी कानूनविद महापौर के होते हुए भी रिमूवल गेम के कर्मचारियों को नगर निगम ने सेवा के समान वर्दी पहनने का निर्णय कैसे लिया, यह समझ से परे है? इतना ही नहीं महापौर अब भी इस वर्दी को आवश्यक संशोधन के बाद पहनाए जाने पर जोर दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटिस जारी किए जाने का मामला 4 नवंबर 2021 का है, जब वे नौशेरा की यात्रा पर गए थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने सेना की वर्दी पहनी थी। सभी मीडिया में उनके इस वर्दी में फोटो प्रकाशित हुए थे। साथ ही न्यूज़ चैनलों पर भी इसका टेलीकास्ट किया गया था। इसे देखकर प्रयागराज के वकील राकेश नाथ पांडे ने प्रयागराज की एक कोर्ट में वाद दायर किया था।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि 4 नवंबर 2021 को जम्मू- कश्मीर के नौशेरा में प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना की वर्दी पहनी थी, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के तहत दंडनीय अपराध है, इसलिए मुकदमा चलना चाहिए। पीएम के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
इस मामले में प्रयागराज के जिला न्यायाधीश नलिन कुमार श्रीवास्तव ने राकेश नाथ पांडे की दलील सुनने के बाद पीएमओ को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। पांडे ने संहिता की धारा 156 (3) के तहत आवेदन प्रस्तुत किया था। यह धारा मजिस्ट्रेट को संज्ञेय अपराध की जांच का आदेश देने का अधिकार देती है।
इसके पहले राकेश नाथ पांडे ने पिछले दिसंबर 2021 में याचिका दायर की थी, हालांकि, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि घटना अदालत के अधिकार क्षेत्र के बाहर हुई थी और मामले की सुनवाई क्षेत्राधिकार वाले मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। आदेश को पांडे ने जिला न्यायाधीश के समक्ष चुनौती दी, जिन्होंने फरवरी 2022 में पीएमओ को नोटिस जारी किया था।
छत्तीसगढ़ में भी शिकयत
वर्तमान में चल रहे लोकसभा चुनाव के दौरान भी छत्तीसगढ़ भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी के जो पोस्टर और होर्डिंग लगाए थे, उसमें भी वे सेना की वर्दी में दिखाई दे रहे हैं। इसे लेकर भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज शिकायत की थी। हालांकि शिकायत पर अब तक इस शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है, यह जानकारी नहीं है।