पीएम मोदी मैसूर में जिस होटल में रुके थे उसका बिल अब तक बकाया, होटल ने वसूली के लिए कानूनी कारवाई की दी धमकी
मामला 2023 के आयोजन का, राज्य सरकार ने केंद्र का आयोजन बात कर भुगतान से पल्ला झाड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल 2023 में अपनी मैसूर यात्रा के दौरान जिस होटल में रुके थे, उसने 80.6 लाख के बिल का भुगतान न करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है। पीएम मोदी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ) द्वारा आयोजित प्रोजेक्ट टाइगर कार्यक्रम के 50 साल पूरे होने के कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए मैसूर गए थे।
बताया गया है कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने कर्नाटक राज्य वन विभाग को 9 से 11 अप्रैल के बीच होने वाले कार्यक्रम के लिए 3 करोड़ रुपये के खर्च करने को कहा था। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिएराज्य के वन विभाग को 100% केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया गया था।कार्यक्रम एमओईएफ और एनटीसीए के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार अल्प सूचना पर आयोजित किया गया और कार्यक्रम की कुल लागत 16.33 करोड़ हो गई। हालांकि केंद्र द्वारा राज्य के वन विभाग को आश्वासन के मुताबिक 3 करोड़ रुपये जारी किए गए थे लेकिन राज्य वन विभाग और एमओईएफ के बीच बातचीत और पत्र व्यवहार के बावजूद 13.33 करोड़ रुपये की शेष राशि अभी भी जारी नहीं की गई है।
एमओईएफ और एनटीसीए के बीच पत्रों को पढ़ने से पता चलता है कि आयोजन की लागत मूल रूप से 13 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन एनटीसीए अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों और प्रधान मंत्री के कार्यक्रम की आवश्यकताओं के अनुसार, कुछ अतिरिक्त गतिविधियां शामिल की गईं और इसलिए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी जिसे कार्यक्रम आउटसोर्स किया गया था, एक संशोधित कोटेशन प्रस्तुत किया गया और इसे एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी अधिकारियों को बता दिया गया था।
कर्नाटक के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ने 29 सितंबर, 2023 को उप महानिरीक्षक, एनटीसीए, नई दिल्ली को पत्र लिखकर बकाया राशि की याद दिलाई थी लेकिन एनटीसीए ने 12 फरवरी, 2024 को पत्र लिखा कि मैसूर में रेडिसन ब्लू प्लाजा में प्रधान मंत्री के दल के ठहरने से संबंधित खर्च का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।
इसके बाद, 22 मार्च, 2024 को एक और पत्र वर्तमान पीसीसीएफ सुभाष के. मालखेड़े द्वारा लिखा गया था, जिसमें एनटीसीए को बकाया राशि की याद दिलाई गई थी, जिसमें रेडिसन ब्लू प्लाज़ में प्रधान मंत्री के ठहरने के दौरान होटल बिलों का भुगतान न करना भी शामिल था, जो कि 80.6 लाख रुपये का था। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है ।
इस बीच, रैडिसन ब्लू प्लाजा के महाप्रबंधक, वित्त ने 21 मई, 2024 को उप वन संरक्षक बसवराजू को पत्र लिखकर एक बार फिर उ”हमारी होटल सेवाओं के उपयोग के 12 महीने बाद भी” बिलों का भुगतान न करने की याद दिलाई है।
पत्र में होटल की ओर से कहा गया है कि बार-बार के फॉलो अप और रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी बिल का भुगतान नहीं किया गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि बल के भुगतान समय पर न किए जाने के चलते इस पर प्रति वर्ष 18% का ब्याज बकाया भी लगेगा । इसके चलते भुगतान के साथ ₹12.09 लाख की अतिरिक्त राशि (विलंबित भुगतान के लिए) भी प्रदान की जाए। होटल प्रबंधन ने 1 जून, 2024 तक बकाया भुगतान न करने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है। संपर्क करने पर कर्नाटक के उपवन संरक्षकडॉ. बासवराजू ने कहा कि राज्य सरकार ने इस आधार पर राशि का भुगतान करने के केंद्र के निर्देशों को अस्वीकार कर दिया था कि यह केंद्र का आयोजन था इसके चलते इस राशि का भुगतान उन्हें ही करना होगा ।