कोरोना के वैक्सीन का पहला ट्रायल जिस पर हुआ उसके मरने की पोस्ट वाइरल
छात्रा ने ट्वीटर पर लिखा 100% Alive
लंदन.
दुनिया कोरोना के वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रही है। 23 अप्रैल को इसके वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रा पर हुआ था। इसके अगले दिन से सोशल मीडिया पर पोस्ट वाइरल हुईं कि इस छात्रा की मौत हो गई है। इसके बाद इसके बाद इस छात्रा ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर लिखा कि 100% Alive. इसके साथ ही लोगों से इस तरह का पोस्ट को न शेयर करने की अपील भी की थी। उन्होंने अपना ट्वीटर प्रोफाइल आईडी ही “डॉ. एलिसा गेरांटो 100 एलाईव कर लिया है।”
डॉ. एलिसा गेरांटो नामक इस रिसर्च स्कॉलर ने इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए अफना नाम दिया था। वे माइक्रोबॉयलॉजी की शोधार्थी हैं तथा वे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग में कार्यरत हैं। डॉ. गेरांटो ने इस वैक्सीन के ट्रॉयल में शामिल होने को रोमांच्क अनुभव बताते हुए कहा कि मुझे इसमें लग रहा था कि क्लिनिकल ट्रॉयल में शामिल होना एक वैज्ञानिक के रूप में मेरे लिए बहुत खास था, क्योंकि इससे क्लिनिकल ट्रॉयल के दूसरे पक्ष को जानने का मौका मिलता है। इससे ये जानने का मौका मिला कि क्लिनिकल ट्रायल में भाग लेने पर कैसा लगता है, जो कि आप इस शोध के डाटा पेपर को पढ़कर नहीं जान सकते हैं।
डॉ. गेरांटो ने कहा कि उन्हें इस ट्रॉयल के लिए रैंडमली चुना गया था और इसके बाद उन्हें बाद उन्हें बहुत मीडिया अटेंशन मिला और दुनिया भर से उनके पास बहुत से मेल भी आए। इनमें से कुछ मेल ऐेले लोगों के समूह के भी थे, जो कि कोरोना के वैक्सीन के खिलाफ हैं।
डॉ. गेरांटो का कहना है कि अभी इस वैक्सीन के परिणाम आने में कईं महीने लगेंगे। कईं और देशों में भी वैक्सीन के ट्रॉयल भी चल रहे हैं। ये देखना पड़ेगा कि इनमें से कौन सा वैक्सीन कोविड़-19 के खिलाफ लंबे समय के लिए सुरक्षा दे सकता है। उन्होंने कहा कि तब तक घर पर रहें और सुरक्षित रहें।