21st November 2024

चुनाव के समय एमपी में 40 प्रतिशत महंगाई बढ़ी

देश से महंगा हो गया मध्य प्रदेश, भारत की महंगाई दर 4.85 तो एमपी की 5.31

Goonj Special.

प्रदेश के मतदाताओं के सामने लोकसभा चुनाव में महंगाई कितना बड़ा मुद्दा था ये तो पता नहीं लेकिन मार्च के महीने में लोकसभा चुनाव की नोटिफिकेशन जारी हुई थी और इसी महीने में मध्य प्रदेश के महंगाई के आंकड़े में अचानक चालीस प्रतिशत का उछाल आया था। ये किसी विपक्षा दल का आरोप नहीं है बल्कि ये तथ्य केन्द्र सरकार के महंगाई के आंकड़ों में सामने आया है। खास बात ये है कि प्रदेश में लंबे समय तक महंगाई दर देश की तुलना में कम थी लेकिन मार्च महीने से प्रदेश देश की तुलना में महंगा हो गया है।

लोक सभा चुनाव मे महंगाई और बेरोजगारी दो प्रमुख मुद्दे हैं। हालांकि इनका परिणामों पर क्या असर होगा ये तो चार जून को मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन फिलहाल यदि मध्य प्रदेश में महंगाई की बात करें तो लंबे समय बाद मध्य प्रदेश ने महंगाई की दर के मामले देश को पीछे छोड़ दिया है। जहां मार्च महीने में देश में महंगाई की दर 4.85 प्रतिशत है तो वहीं इस महीने में मध्य प्रदेश में महंगाई की दर 5.39 प्रतिशत दर्ज की गई ।

इसके पहले प्रदेश में महगांई की दर लगातार देश की महंगाई की दर से कम हुआ करती थी। यदि प्रदेश में नए साल के बाद के आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी से दो माह के बीच ही ये लगभग डेढ़ प्रतिशत बढ़ गई है। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि लोक सभा चुनाव का समय मध्य प्रदेश के लिए महंगाई का समय था।

मार्च में चालीस प्रतिशत महंगाई बढ़ी

भारत सरकार के इस बार के आंकड़े में बताया गया है कि मार्च महीने में देश की महंगाई दर 4.85 प्रतिशत थी तो वहीं इस समय प्रदेश की दर 5.39 प्रतिशत थी। खास बात ये कि फरवरी की तुलना में देश में महंगाई घटी लेकिन प्रदेश में फरवरी की तुलना में मार्च में 1.53 प्रतिशत महंगाई बढ़ी। फरवरी में देश की महंगाई दर 5.09 प्रतिशत थी जो मार्च में घटकर 4.85 प्रतिशत रह गई। यदि प्रदेश की इस दौरान की महंगाई दर को प्रतिशत में देखा जाए तो एक महीने में ही प्रदेश चालीस प्रतिशत महंगा हो गया लेकिन किसी ने भी इस पर सवाल नहीं उठाया। कम से कम विपक्ष की तो ये जिम्मेदारी थी।

वहीं अप्रैल माह में देश में मंहगाई की दर 4.83 प्रतिशत थी उस समय यहां की महंगाई दर 5.31 प्रतिशत थी। इन आंकड़ों में इंदौरवासी इस नाते से राहत सांस ले  सकते हैं कि इस दौरान प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में महंगाई की दर ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में कम थी।

शहर को राहत गांव की आफत

यदि और गहराई में जाएं तो आंकड़ों के हिसाब से इंदौर जैसे शहरी क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में कम मंहगाई है। मार्च के महीने में देश में शहरी महंगाई 4.14 प्रतिशत थी तो उस समय एमपी में 4.68 प्रतिशत थी। यानी कि ये देश की शहरी महंगाई से ज्यादा थी लेकिन ग्रामीण महंगाई की बात करें तो उस समय देश में इसकी दर 5.45 थी तो प्रदेश में 5.91 प्रतिशत थी। इसी तरह से अप्रैल माह में देश में शहरी महंगाई 4.11 प्रतिशत थी तो प्रदेश में यह आंकड़ा 4.33 प्रतिशत था इसी तरह से ग्रामीण महंगाई देश में 5.51 थी तो प्रदेश में  5.95 प्रतिशत थी।

महंगाई दर के आंकड़ें

महीना       प्रदेश की दर       देश की दर

दिंसबर       4.48              5.69

जनवरी       3.93           5.10

फरवरी     3.86              5.09

मार्च         5.39              4.85

अप्रैल        5.31             4.83

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