फरवरी में अधिसूचना, मार्च में मतदान और अप्रैल में सरकार

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा तैयार, इंडिया गठबंधन सीटों में उलझा

लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के भीतर तैयारियां तेज हो गई है। विपक्षी गठबंधन अभी तक अपना स्वरूप तय नहीं कर पाया है। उनके बीच सीट शेयरिंग की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है। इस स्थिति को देखते हुए भाजपा भी उन्हें तैयारी के लिए और समय देना नहीं चाहती है। इसके चलते फरवरी के पहले सप्ताह में बजट सत्र निपटने के बाद आचार संहिता लगने की तैयारी चल रही है। कार्यक्रम इस तरह का है कि फरवरी में आचार संहिता लगेगी मार्च में चुनाव होंगे और अप्रैल में सरकार नई सरकार अस्तित्व में आ जाएगी। 

लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तैयारी में जुटा हुआ है हर दिन नए प्रभारी बनाए जा रहे हैं कार्यक्रम तय हो रहे हैं और 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी संपन्न हो जाएगा। इसके बाद सरकार के लिए एक ही विधायी कार्य बचेगा जो कि बजट सत्र का होगा। चुनाव का साल होने के चलते वैसे भी सरकार पूरा बजट प्रस्तुत नहीं करेगी इसलिए बजट सत्र के लिए फरवरी के अंतिम सप्ताह का इंतजार नहीं किया जाएगा। यह काम 10 फरवरी तक निपटने की तैयारी है और इसके बाद चुनाव आयोग कभी भी आचार संहिता की घोषणा कर देगा। 

छह चरणों में चुनाव की संभावना

जो जानकारियां मिल रही है उसके हिसाब से मतदान मार्च में तय किया जाएगा और यह छह चरणों में होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनावी प्रक्रिया मई के तीसरे सप्ताह तक चली थी जिस की पिछली बार की तुलना में एक महीने पहले पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके पीछे मई माह में होने वाली गर्मी भी एक कारण है। गर्मी के कारण न केवल चुनाव प्रक्रिया में लगे हुए अधिकारियों को परेशानी होती है बल्कि नेता और जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सात चरणों में मतदान हुआ था और मतदान से मतगणना तक की प्रक्रिया 11 अप्रैल से 19 मई के बीच पूरी हुई थी। पिछली बार 10 मार्च को चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो गई थी। इस बार यह इसके एक महीने पहले यानी 10 फरवरी के बाद कभी भी घोषित हो सकती है। 

संघ राम मंदिर के मुद्दे के साथ मैदान में

खास बात यह है कि अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे देश में प्रत्येक बस्ती में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में तो चुनाव के बाद से ही वे सतत सक्रिय हैं। राम मंदिर को लेकर प्रभात सीढ़ियां निकल जा रहे हैं और कलश पूजन के कार्यक्रम भी चल रहे हैं। इस अभियान में संघ ने समाज के सहभागिता को सुनिश्चित किया है। चुनाव जितनी जल्दी होंगे इस जन जागरण अभियान का उतना ही लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा। इसे देखते हुए भी चुनावी तिथियां की घोषणा की जाएगी। उधर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और उसका गठबंधन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव की हार के बाद वैसे ही विचलित है। भारतीय जनता पार्टी के हिसाब से यह स्थिति चुनाव के लिए अनुकूल है। 

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