अब छात्राएं भी ले सकेंगी 60 दिन का मातृत्व अवकाश
केरल के कोट्टायम स्थित महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी की की छात्राएं अब अपनी पढ़ाई के दौरान 60 दिन का मातृत्व अवकाश यानी कि मेटरनिटी लीव ले सकेंगी। शुक्रवार को यूनिवर्सिटी सिंडिकेट की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है। छात्राओं को मातृत्व अवकाश के लिए केवल पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने उन छात्राओं को जिनकी प्रेगनेंसी मेडिकल ग्राउंड पर टर्मिनेट हो गई है, को भी 14 दिन का अवकाश देने का निर्णय लिया है।
यह अवकाश केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विभागों में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को ही उपलब्ध नहीं होगा बल्कि एमजी यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त कॉलेजों की छात्राओं को भी 60 दिन के मातृत्व अवकाश की पात्रता रहेगी। 60 दिन के अवकाश में इस दौरान आने वाले सार्वजनिक अवकाश को भी सम्मिलित किया जाएगा यानी कि इसमें रविवार तथा अन्य सरकारी छुट्टियां शामिल रहेंगी।
एक पाठ्यक्रम में एक ही बार मिलेगा अवकाश
हालांकि मातृत्व अवकाश के बारे में यूनिवर्सिटी ने यह नियम तय किया है कि एक पाठ्यक्रम के दौरान एक बार ही अवकाश दिया जाएगा इसके साथ ही अधिकतम दो बार अवकाश दिया जा सकेगा। यानी कि छात्रा स्नातक की पढ़ाई के दौरान एक बार तथा स्नातकोत्तर की पढ़ाई के दौरान फिर एक बार अवकाश ले सकेगी। इसके लिए छात्राओं को अपने विभागाध्यक्ष या कॉलेज के प्राचार्य को आवेदन करना होगा।
परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा
यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि अवकाश पर गई छात्रा को सेमेस्टर परीक्षाएं देने का विकल्प दिया जाएगा यानी कि छात्रा की इच्छा पर रहेगा कि वह इस दौरान सेमेस्टर परीक्षाएं दे सकती है या वह इसे टालना चाहती है। यदि कोई छात्राएं इस दौरान लेक्चर अटेंड करना चाहती है या फिर प्रैक्टिकल के लिए कॉलेज आना चाहती है तो प्राचार्य और विभागाध्यक्ष को इसके लिए व्यवस्था करनी होगी। मेटरनिटी लीव लेने वाली छात्रा छुट्टियों के बाद अपने सहपाठियों के साथ आगे की पढ़ाई कर सकेगी। एमजी यूनिवर्सिटी ने छात्राओं को मेटरनिटी लीव देने संबंधी मामले के लिए एक उप समिति का गठन किया था। इस समिति की अनुशंसा के बाद यूनिवर्सिटी सिंडिकेट में मातृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया है।