लखनऊ: आवारा कुत्तों ने की पुलिस की मदद, साल भर से बाइक चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
लखनऊ:
इंसानी नफरत का सामना कर रहे स्ट्रीट डॉग्स के बारे में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक अनोखी और हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहाँ अपराध की कहानियाँ आमतौर पर पुलिस की गश्त, जाँच और मुठभेड़ों के इर्द-गिर्द घूमती हैं, लेकिन इस बार नायक बने कुछ आवारा कुत्ते। इन कुत्तों ने एक साल से शहर में वाहन चोरी करने वाले गिरोह को पकड़ने में पुलिस की मदद की और 40 से अधिक चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कैसे शुरू हुआ पीछा?
पिछले एक साल से लखनऊ की सड़कों पर एक चोर गिरोह बेखौफ होकर मोटरसाइकिलें चुरा रहा था। रविवार को कुड़िया घाट के पास यह गिरोह पुलिस की नजर में आया। डीसीपी विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया, जब पुलिस ने चोरों का पीछा शुरू किया, तो अपराधी एक चोरी की बाइक पर सवार होकर भागने लगे। लेकिन उनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया। सड़क पर मौजूद आवारा कुत्तों का एक झुंड अचानक सक्रिय हो गया। भौंकते और गुर्राते हुए इन कुत्तों ने चोरों का रास्ता रोक लिया। घबराहट में चोर एक गली में घुस गए, जो एक बंद गली निकली, जहाँ पुलिस पहले से ही उनकी प्रतीक्षा कर रही थी।

कुत्तों की सतर्कता बनी चोरों की हार का कारण
घटना के दौरान, एक स्थानीय निवासी ने चोर को भागते देखकर पुलिस को सूचना दी और कहा, “अगर पुलिसवाले जल्दी करें तो उन्हें पकड़ सकते हैं।” सब-इंस्पेक्टर ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और चोर का पीछा किया। करीब 4-5 किलोमीटर की दौड़ के बाद चोर ने कुड़िया घाट के पास मोटरसाइकिल छोड़ दी और एक चार पहिया वाहन में सवार होने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही वह गाड़ी में घुसा, कुत्तों का झुंड फिर से हरकत में आ गया। उनकी भौंकने और झपटने की वजह से चोरों का भागने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। डीसीपी ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर कुत्ते न होते, तो शायद चोर फिर से भाग निकलते। इस बार, इंसान के सबसे अच्छे दोस्त ने अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की मदद की।”
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जुनैद (24), अरस (21), वंश गुप्ता (19), राहुल गुप्ता (27), सलमान (28) और जावेद (22) के रूप में हुई है, जो सभी सीतापुर के निवासी हैं। एक 16 वर्षीय लड़के को भी हिरासत में लिया गया है और पुलिस सुरक्षा में रखा गया है,” डीसीपी, पश्चिम, विश्वजीत श्रीवास्तव ने कहा।
चोरी का नेटवर्क और पुलिस की बरामदगी
पुलिस ने इस ऑपरेशन में गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया और 40 चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद कीं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह नियमित रूप से सीतापुर से लखनऊ आता-जाता था और चौक, ठाकुरगंज, हुसैनाबाद और घंटाघर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। डीसीपी ने बताया, “मोटरसाइकिलें चुराने के बाद, वे उन्हें सीतापुर ले जाते और बाद में लखीमपुर में बेच देते। ये लोग भीड़-भाड़ वाले बाजारों को निशाना बनाते थे, जहाँ गाड़ियाँ अक्सर बिना देखरेख के खड़ी रहती थीं।” पुलिस अब यह जाँच कर रही है कि बरामद वाहन अन्य जिलों में हुई चोरी की घटनाओं से जुड़े हैं या नहीं।