सुप्रीम कोर्ट ने माना नीट का पेपर लीक हुआ, फिर से परीक्षा कराने का निर्णय दो सवालों के जवाब पर टिका
एनटीए को बताया होगा पेपर कहां और कब लीक हुआ, इसका फायदा किसने उठाया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार की सुनवाई के दौरान यह माना है कि नीट का पेपर लीक हुआ था लेकिन फिर से परीक्षा कराने के मामले में उसने नीट परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्ट एजेंसी यानी एनटीए और सीबीआई के जांच अधिकारी से कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पेपर लीक हुआ है लेकिन फिर से एक्जाम कराने से पहले यह देखना होगा कि लीक कब हुआ, कैसे हुआ और इसका लाभ किन लोगों को हुआ। यदि इसका फायदा उठाने वाले छात्रों की पहचान की जा सकती है तो फिर परीक्षा पुन: नहीं कराई जाएगी लेकिन यदि लीक का फायदा उठाने वाले छात्रों की पहचान करना मुश्किल है तो फिर नीट फिर से कराई जानी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस जे बी पारधीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई है। इस दिन एनटीए के तीन सवालों के जवाबों के साथ पेश होना होगा। पहला कि लीक कहां कहां हुआ है। दूसरा लीक किस समय हुआ है और तीसरा लीक से फायदा उठाने वाले स्टूडेंट्स की पहचान की जा सकती है या नहीं।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 24 लाख स्टूडेंट्स की परीक्षा फिर से कराना अंतिम विकल्प है। इसे तब ही कराया जाएगा यदि लीक का लाभ लेने वाले छात्रों की पहचान नहीं की जा सकती होगी। उनका कहना है कि यदि लीक फिजीकली हुआ है तो इसका दायरा सीमित हो सकता है लेकिन यदि ये डिजीटली लीक हुआ है तो फिर ये जंगल में आग की तरह फैला होगा। ऐसी स्थिति में दोबार परीक्षा कराना ही विकल्प है।
बहुत से तीखे सवाल उठाए सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान तीनों जजों ने बहुत से सवाल उठाए। जिसमें पहला स्थान पर 67 स्टूडेंट्स के आने के अलावा स्टूडेंट्स द्वारा परीक्षा केंद्र दूर-दूर लेना और इसके बाद उनके अंकों में आए असामान्य उछाल जैसे मामलो को लेकर कोर्ट ने एनटीए से सवाल पूछे। एनटीए की ओर से यह बताने पर कि गलत करने वालों के परिणाम रोके गए हैं कोर्ट ने पूछा कि गलत करने वालों की भौगोलिक स्थिति क्या है इसके बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। इसके जरिए कोर्ट यह निश्चित करना चाहता है कि गलत करने वाले स्टूडेंट्स केवल एक ही स्थान के हैं या फिर इनका दायरा फैला हुआ है। इससे यह तय करने में मदद मिलेगी कि गड़बड़ियों का दायरा कितना बड़ा है।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार, एनटीए और सीबीआई बुधवार शाम पांच बजे तक अपने-अपने शपथ पत्र दाखिल करे ताकि इनकी प्रतियां याचिकाकर्ताओं को दी जा सके।
मामला सीबीआई को सौंपा गया है इसके चलते कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि वे इस मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि दोषी पहचान मे नहीं आते हैं तो भी हमें परीक्षा पुन: कराने का आदेश देना होगा। अब मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी।