21st November 2024

क्या है धनतेरस पर गिरवी रखा 102 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड से वापस लाने का सच?

मीडिया और खासकर सोशल मीडिया में इस तरह की खबरें देखी गई है कि धनतेरस पर सरकार बैंक ऑफ इंग्लैंड में गिरवी रखा गया 102 टन सोना वापस ले आई है। इस धनतेरस पर एक बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया गया है। लेकिन इसकी सच्चाई वैसी नहीं है जैसे की बताई जा रही है। पहले तो यह कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने यह सोना मार्च से सितंबर 2024 के बीच वापस मंगाया है और दूसरा यह गिरवी रखा गया सोना नहीं था। इसके अलावा 102 टन सोना और लाने की बात की गई है लेकिन इसकी पुष्टि अभी तक रिजर्व बैंक ने नहीं की है। यदि आप कहीं पर स्वयं अपना सोना सुरक्षित रखने के लिए जमा करते हैं और उसे वापस निकलते हैं तो क्या इस उपलब्धि माना जाना चाहिए?

बैंक ऑफ इंग्लैंड के भीतर रखे सोने का दृश्य

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटेलमेंट्स में सुरक्षित रखे गए 102 टन सोने को वापस मंगाया है। इन दोनों बैंकों के पास आरबीआई का 324.01 टन सोना सुरक्षित रखा गया है। इसके अलावा 20.26 टन सोना जमा के रूप में रखा हुआ है। इस तरह से आरबीआई केकल स्वर्ण भंडार में से 344 टन सोना अब भीबैंक ऑफ़ इंग्लैंड के पास सुरक्षित रखा गया है।

समाचार पत्र ने आगे लिखा है कि सितंबर 2024 की समाप्ति पर आरबीआई के पास कुल 854.73 टन सोना था। इनमें से 60% यानी 510.46 टन देश में है तथा शेष सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के पास सेफ कस्टडी में रखा हुआ है। मार्च 2024 के समाप्त होने के समय देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 8.15% सोने के रूप में था जो कि 100 टन सोना वापस आ जाने के बाद अब बढ़कर 9.32 प्रतिशत हो गया है। मार्च 2024 तक, आरबीआई के पास 822.10 टन सोना था, 408.31 टन घरेलू स्तर पर था, 387.26 टन बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास था, जबकि 26.53 टन सोना जमा के रूप में था।

इस साल की शुरुआत में आरबीआई ने बैंक ऑफ इंग्लैंड से 100 टन सोना वापस मंगाया था, जो 1991 में पैसे जुटाने के लिए सोना गिरवी रखने के बाद भारत में सोना वापस लाने का पहला बड़ा कदम था। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को जारी अपनी विदेशी मुद्रा प्रबंधन रिपोर्ट में कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार मार्च 2024 के अंत तक 646.42 बिलियन डॉलर से बढ़कर सितंबर 2024 तक 705.78 बिलियन डॉलर हो गया है।

क्यों है बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास भारत का सोना

बैंक ऑफ़ इंग्लैंड 17 वीं शताब्दी से सोने के वेयरहाउस संचालित करता आ रहा है और इस बैंक के पास केवल भारत का ही नहीं दुनिया के कई देश अपना सोना सुरक्षित रखने के लिए जमा करते हैं। इसी हिसाब से भारत ने भी अपना सोना यहां सुरक्षित जमा किया हुआ है। बैंक ऑफ इंग्लैंड में सोना रखने का एक और फायदा लंदन का बुलियन मार्केट भी था जहां पर जरूरत पड़ने पर सोना बेचकर राशि जुटाई जाई सकती थी। सितंबर 2024की समाप्ति पर बैंक ऑफ इंग्लैंड के पाससोने की चार लाख बारसुरक्षित रखी गई थी यदि टन में बात करें तो में कहे तो 5350 टन सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में सुरक्षित रखा गया है। जो दुनिया के अलग-अलग देशों का है। बैंक ऑफ इंग्लैंड को सोने का गोदाम कहा जाता है।

2022 के बाद से आरबीआई और सरकार का यह मानना है कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को देखते हुएभारत का सोना जितना हो सके भारत के आसपास या भारत में होना चाहिए इस नीति के चलते आरबीआई सोना भारत में लाने की कवायत में लगा हुआ है। इतना भारी मात्रा में सोनालाना और उसे सुरक्षित रखना बहुत आसान काम नहीं है इसके लिए विशेष विमान और प्रशिक्षित स्टाफ लगता है ।

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