चीन की 14 साल की गोल्ड मेडलिस्ट ने इनाम लेने से इनकार किया
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बीमार मां के इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी इसलिए शुरू की थी डाइविंग
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हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक खेलों में चीन ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है और उसने साबित किया है कि वह खेलों की दुनिया का भी पावर हाउस है। चीन के दल की सबसे बड़ी स्टार बन कर उभरी हैं 14 साल की गोताखोर क्वान होंगचेन। होंगचेन ने 10 मीटर स्प्रिंगबोर्ड डाइविंग में स्वर्ण पदक जीता है ।
14 साल की उम्र में स्वर्ण पदक जीतते से ही होंगचेन चीन में बहुत बड़ी स्टार बन गईं। सोशल मीडिया पर तहलका मच गया और हाल यह हो गए कि पूरे चीन से लोगों की भीड़ उनके गांव में उमड़ने लगी। चीनी जनता ने उनके ऊपर पुरस्कारों की बारिश कर दी। यहां तक कि उन्हें मकान और $31000 नगद तक देने की कोशिश हुई लेकिन होंगचेन के पिता ने यह सब लेने से इनकार कर दिया।
ये ईनाम चीन के लोगों, संगठनों और कॉर्पोरेट्स की ओर से प्रस्तावित किए गए थे। ईनाम लेने से इंकार करने के साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऑनलाइन अपनी शुभकामनाएं भेजें । वे गांव में ना आए क्योंकि इससे ग्रामीणों और आने जाने वालों दोनों को समस्या होती है।
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गरीब परिवार से हैं होंगचेन
ऐसा नहीं है कि होंगचेन बहुत अमीर हैं या उन्हें पैसों की जरूरत नहीं है। उनके पिता गरीब किसान हैं जो किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं। वही उनकी मां 2017 में हुए एक कार एक्सीडेंट के बाद से बिस्तर पर हैं। उन्हें इलाज की जरूरत है और परिवार के पास इतना पैसा नहीं है। होंगचेन ने बताया था कि उन्होंने डाइविंग पैसा कमाने के लिए ही शुरू की थी। उन्हें लगा कि डाइविंग से वे पैसा कमा सकेंगी और उन पैसों से मां का इलाज हो जाएगा। उनके पिता
अच्छा डाइवर बनने के लिए वे जिला मुख्यालय स्थित ड्राइविंग सेंटर पर रोज 400 डाइव लगाया करती थीं। उनका गांव ग्वानडांग जिले में स्थित है। उन्होंने गोताखोरी की शुरआत इसी जिले के गोताखोरी सेंटर से की थी। उस समय वे सात साल की थीं। लेकिन उनके जीवन में ब़ड़ा परिवर्तन तब आया जब उनकी मां को एक कार ने टक्कर मार दी। उसके बाद से ही मां बीमार हैं और होंगचेन अपनी मां की इस हालत को ही अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा बताती है।
होंगचेन की जिंदगी दो साल में ही बदल गई। 2018 उन्हें ग्वानडांग की प्रांतीय टीम में शामिल कर लिया गया। 2020 में वे चीन की राष्ट्रीय चैंपियन बन गईं। इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम के शिविर में शामिल कर लिया गया और वहां से वे ओलंपिक पहुंच गईं।
पांच बार पूरे अंक मिले
हांगचेन का केवल पदक जीतना ही महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने जिस तरह से पदक जीता है वो भी बहुत महत्वपूर्ण है। कुल पांच डाइव में से दो में सभी सातों जजों ने पूरे 10 -10 अंक दिए। इसके साथ ही उनका कुल स्कोर 466.20 रहा। इस तरह से उन्होंने इस स्पर्धा में 2008 के ओलंपिक खेलों के रिकॉर्ड जो कि 447.20 था, उसको तोड़ दिया।
हांगचेन के भाई ने बताया कि उन्हें बचपन सेे डाइविंग शौक था। जब भी वे मछली पकड़ने जाते थे। वे पानी में खेलने लगती थीं। इसको देखते हुए उनके परिवार ने भी उन्हें डाइविंग के लिए प्रोत्साहित किया।