19 साल पहले विद्या लक्ष्मी ने वही किया था जो अब सोनम ने किया
विद्या लक्ष्मी ने शादी के 8 दिन बाद अपने पति अनंतरामन की हत्या अपने प्रेमी से कराई थी
विद्या लक्ष्मी को हुई थी दो आजीवन कारावास की सजा
सोनम रघुवंशी द्वारा हनीमून के दौरान अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या कराए जाने के मामले के बाद अब 2006 में इसी तरह की एक हत्या हुई थी। 24 साल की विद्यालक्ष्मी की शादी 30 साल के अनंतरामन से हुई थी। शादी के आठ दिन बाद ये दोनों हनीमून के लिए गए थे। पहले उन्होंने गुरुवायूर मंदिर में दर्शन किए थे उसके बाद केरल के हिल स्टेशन मुन्नार में हनीमून के लिए गए थे। इस दौरान विद्या लक्ष्मी की प्रेमी नेअनंत की हत्यागला घोटकर कर ही थी। अ
इस मामले में अदालत ने पाया था कि 24 वर्षीय विद्यालक्ष्मी ने अपने प्रेमी और बचपन के दोस्त आनंद (भी 24 वर्षीय) और उसके साथी अंबुराज (21 वर्षीय) के साथ मिलकर जून 2006 में अपने पति अनंतरामन (30 वर्षीय) की हत्या की साजिश रची थी। इस मामले विद्यालक्ष्मी को दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

थोडुपुझा सत्र न्यायालय ने विद्यालक्ष्मी के प्रेमी आनंद को भी दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जबकि अंबुराज को आजीवन कारावास के अलावा 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
प्रत्यक्षदर्शियों की अनुपस्थिति में, अदालत ने अनंतरामन के मोबाइल फोन पर ली गई तस्वीरों, एसएमएस संदेशों और प्रतिवादियों के बीच फोन कॉल को साक्ष्य के रूप में स्वीकार कर लिया था। ठीक इसी तरह राजा रघुवंशी के मामले में भी प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं हैं। इस मामले में इसी तरह के सबूत मौजूद हैं जैसे की अनंत रामन की हत्या में थे ।
विद्यालक्ष्मी, जिनसे अनंतरामन ने हत्या से ठीक आठ दिन पहले शादी की थी, ने अपने मोबाइल से आनंद को संदेश भेजा और कुछ ही मिनटों बाद, दोनों व्यक्ति जोड़े के पास पहुंचे और कैमरे के नायलॉन स्ट्रैप से अनंतरामन का गला घोंट दिया।
इसके बाद विद्यालक्ष्मी ने अपना हार निकालकर एक हत्यारे को दे दिया, उन दोनों के गायब होने का इंतजार किया और चिल्लाते हुए दूसरी तरफ भाग गईं तथा गांव वालों को बताया कि किसी ने उनके पति की हत्या कर दी है और उनसे लूटपाट की है।
राजा के मामले में टूरिस्ट गाइड तो अनंत के मामले में ऑटो चालक ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
विद्यालक्ष्मी ने पुलिस को बताया था कि मुन्नार के कुंडला बांध स्थल पर एक सुनसान जगह पर दो स्थानीय युवकों ने उनके पति पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। हालांकि, ऑटो-रिक्शा चालक अनबझगन ने पुलिस को बताया कि दो लोगों ने उनकी गाड़ी को बांध स्थल पर किराए पर लिया था और कुछ देर बाद वापस आ गए।
उसने उन्हें संदिग्ध तरीके से बात करते हुए सुन लिया था। जब वे बांध स्थल पर जा रहे थे, तो उन लोगों को अंबाजगन के मोबाइल पर एसएमएस संदेश मिले थे क्योंकि मुन्नार में उनके अपने मोबाइल की कनेक्टिविटी खराब थी।
विद्यालक्ष्मी द्वारा भेजे गए एसएमएस संदेश, जिसमें उन्हें बांध स्थल पर आने के लिए कहा गया था, से पूरे अपराध का खुलासा हो गया और पुलिस ने दोनों व्यक्तियों को उस लॉज से उठा लिया, जहां चालक ने उन्हें छोड़ा था।
विद्यालक्ष्मी ने अपराध से पहले अपने प्रेमी को कई फोन कॉल किए थे, जिन्हें सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया गया। दोनों लोगों ने चेन्नई से लेकर पूरे हनीमून टूर के दौरान जोड़े का पीछा किया था। ठीक इसी तरह राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में विशाल और उसके साथी राजा और सोनम का पीछा करते हुए गुवाहाटी होते हुए शिलांग पहुंचे थे।
विद्यालक्ष्मी, जो मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन प्रैक्टिशनर थी, वो एक अमीर अयंगर ब्राह्मण परिवार से थी जबकि उसका प्रेमी, जो ऑटो-रिक्शा चालक था, एक गरीब ईसाई परिवार से था। वह चेन्नई की एक फर्म में सहायक प्रबंधक के रूप में काम करने वाले दूर के रिश्तेदार अनंतरामन के साथ विवाह से इनकार नहीं कर सकीं थी। यह मामला भी उसे समय बहुत चर्चाओं में रहा था।