#सवर्ण_सांसद_हिजड़े_है टॉप ट्रेंड में

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भाजपा के वोटर्स का ओबीसी आरक्षण पर गुस्सा, पार्टी में छाया मौन

नई दिल्ली.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मास्टर स्ट्रोक के लिए जाने जाते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से वे अपने मास्टर स्ट्रोक पर ही क्लीन बोल्ड हो रहे हैं। इसी तरह से मास्टर स्ट्रोक के चक्कर में यूपी में ओबीसी वोट के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की घोषणा कर दी है। लेकिन भाजपा के कोर वोटर माने जाने वाले सवर्णों ने इसकी ऐसी प्रतिक्रिया दी है कि मोदी ने आईटी सेल का इस उपलब्धि को बखान करने वाला पोस्टर भी शेयर नहीं किया है।

इस आरक्षण की घोषणा के बाद से ही सोशल मीडिया पर #सवर्ण_सांसद_हिजड़े_है हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। इसमें सवर्ण सांसदों के साथ ही मोदी को भी निशाना बनाया जा रहा है। हाल ये है कि इस मोर्चे पर मोदी और भाजपा के बचाव में कोई नहीं खड़ा है। यहां तक कि जरा जरा सी बातों को बड़ी उपलब्धियों की तरह पेश करने वाली आईटी सेल भी चुप्पी साधे है।

मुखर लोगों नेे मौन साधा

इस विरोध से भाजपा में इतनी दहशत है कि मोदी के पक्ष में हमेशा मुखर रहने वाले गिरीराज सिंह जैसे सवर्ण सांसदों ने भी इस पर मौन साध लिया है। उन्होंने मोदी सरकार की इस घोषणा को ट्वीट या रिट्वीट नहीं किया है। यहीं हाल अलग-अलग मुद्दों पर मुखर रहने वाले तीन बार के सांसद निशिकांत दुबे का भी है। उन्होंने भी भाजपा की इस ‘उपलब्धि’ के बखान ने खुद को दूर रखा है।

हाल है ये कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस मामले में जो ट्वीट किया है उस पर उन्हें उन्हीं के समर्थकों ने खूब खरी खोटी सुनाई है।

अभिषेक शर्मा ने नरेन्द्र मोदी के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि आप 100 प्रतिशत आरक्षण कर दें ताकि सामान्य वर्ग वाले परीक्षाओं की तैयारी में अपना जीवन खराब न करें।

अभयकांत मिश्रा नामक एक यूजर ने ट्वीट किया है कि इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। इस मामले में साक्षी सिंह नरूका ने ट्वीट किया है कि मोदीजी सवर्णों को कोरोना वैक्सीन की जगह जहर ही दे दो।

भाजपा के पूर्व सांंसद कीर्ति आजाद इस मामले में सक्रियता दिखाई दिए। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए इस पर आत्मवलोकन की आवश्यकता बताई। उनके ट्वीट को कईं बार रिट्वीट किया गया।

इतना नही नहीं कईं लोगों ने नरेन्द्र मोदी को सोशल मीडिया पर अनफॉलो करने वाले स्क्रीन शॉट भी शेयर किए। साथ ही दूसरों से भी उन्हें अनफॉलो करने की अपील की।

शिवराज सिंह सोढ़ा नाम के ट्वीटर हैंडल ने आरक्षण को पिछड़ने पर का कारण बताते हुए ट्वीट किया कि आज भारतीय बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियों में काम कर रहे हैं। भारत के पिछड़े होने का कारण यही स्वार्थी नेता हैं जो कि डिजर्व की बजाय रिजर्व को बढ़ावा देते हैं।

ट्वीटर यूजर्स ने इसे मर्डर ऑफ मेरिट बताया है और ट्वीट किया है।

उल्टा न पड़ जाए दांव

हाल ये है कि मोदी सरकार को इस मुद्दे पर सक्रिय ओबीसी नेताओं का भी साथ नहीं मिला है। मोदी के आरक्षण वाले ट्वीट पर इन लोगों ने रिप्लाय देते हुए लिखा है कि आरक्षण आप ने नहीं दिया है उल्टे पिछड़ा वर्ग ने लड़कर लिया है।

इससे ऐसा लगता है कि भाजपा को इससे कोई लाभ नहीं होने वाला है। भाजपा समर्थक संजय पाठक बताते हैं कि जिन सवर्णों ने भाजपा के लिए अपना तन,मन और धन दिया है उसे अब भाजपा को वोट देने से पहले सोचना पड़ेगा। इस तरह की घोषणा ट्वीटर पर कईं ऐसे एकाउंट्स से की गई है जो कि प्रोफाइल देखने पर भाजपा के समर्थक दिखाई देते हैं।

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