गोवा में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की खींचतान में गई 75 जानें?

1
sawant and rane

नड्‌डा ने दी दोनों को मिलकर काम करने की सीख, अहंकार का टकराव भारी पड़ रहा है जनता पर

पणजी.

कोरोना महामारी के बीच नेता एक बार फिर निशाने पर हैं। बताया जा रहा है कि गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की खींचतान के बीच ऑक्सीजन और ईलाज के अभाव में 75 लोगों की जान गई हैं। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच के मतभेदों के चलते राज्य में कोरोना संबंधी व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई हैं। हाल ये है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा को इन दोनों से मतभेद एक तरफ रख मिलकर काम करने को कहना पड़ा है।

4 दिन में 75 लोगों की मौत


सीएम सावंत और स्वास्थ्य मंत्री राणे के बीच यह विवाद उस समय में भी जारी है जब प्रदेश में इलाज के अभाव में 4 के अंदर 75 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। प्रदेश में ऑक्सिजन की कमी से हाहाकार जैसा माहौल है। शुक्रवार को भी जीवन रक्षक गैस न मिलने की वजह से 13 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया था। हाल ये है कि बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान गोवा सरकार ने ऑक्सिजन सेवा बाधित होने के पीछे एक्सपर्ट ट्रैक्टर ड्राइवर की कमी का हवाला दिया जिस पर हाई कोर्ट ने फटकार भी लगाई।

नड्‌डा को देना पड़ी नसीहत

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी प्रमुख नड्डा ने दोनों नेताओं (सावंत और राणे) के साथ उनके मतभेदों पर बात की और सलाह दी कि वे अपने मतभेदों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त न करें। इस समय उनका ध्यान राज्य की स्थिति नियंत्रित करने में होना चाहिए। सूत्र ने आगे कहा कि नड्डा की सलाह जोरदार और स्पष्ट है। उन्हें अपने मतभेदों को छोड़ देना चाहिए और लोगों के जीवन को बचाने के लिए स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काम करना चाहिए।

अहंकार का टकराव

सूत्र ने बताया कि नड्‌डा ने दोनों से कहा है कि उनकी (सावंत-राणे की) एकमात्र प्राथमिकता गोवा के लिए काम करना होना चाहिए। लोगों की सेवा के रास्ते में आने वाली हर चीज को अलग रखा जाना चाहिए। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार दोनों से कहा गया है कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को कम बात करनी चाहिए और अधिक काम करना चाहिए। सावंत राजनीति में राणे से जूनियर हैं और राणे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘सावंत और राणे के बीच मतभेद नए नहीं हैं। यह कोविड की स्थिति से निपटने के लिए मतभेदों के बजाय अहंकार का टकराव है, जिसने एक विवाद पैदा किया है। सरकार में दरारें दिख रही हैं। उम्मीद है कि दोनों नेता एक साथ गोवा में कोविड को नियंत्रित करने के लिए, पार्टी प्रमुख की सलाह पर काम करेंगे।’

कांग्रेस से आए हैं राणे

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा सीटें मिली थी लेकिन फिर भी किसी तरह से भाजपा सरकार बनाने में सफल रही थी। बाद में मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद प्रमोद सावंत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। सरकार बनाने की प्रक्रिया में कुछ कांग्रेस विधायक त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हुए थे। सरकार बन जाने के बाद विश्वजीत राणे भी इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे।

वे राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे प्रताप सिंह राणे के बेटे हैं और पहले भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

1 thought on “गोवा में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की खींचतान में गई 75 जानें?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!