12वीं में 98.5 प्रतिशत अंक लाने वाली छात्रा ने ऑनलाइन क्लास के लिए लैपटॉप न खरीद पाने के चलते आत्महत्या की
मामला लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा का, छात्र संगठनों का आरोप स्कॉलरशिप भी नहीं मिली
दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की बीएससी सेकंड ईयर की छात्रा एश्वर्या रेड्डी ने आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई में बाधा आने के बाद 2 नवंबर को अपने तेलंगाना स्थित घर पर आत्महत्या कर ली है। खास बात ये है कि एश्वर्या के पिता मैकेनिक हैं और एश्वर्या ने गणित विषय के साथ 12वीं कक्षा 98.5 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की थी। उसके पिता ने इसके चलते मकान गिरवी रखकर उसे दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में दाखिला कराया था।
कोरोना के चलते एश्वर्या भी तेलंगाना के रंंगा रेड्डी जिले के शादनगर स्थित अपने घर ही थी। उसे ऑनलाइन क्लासेस अटेंड करने केे लिए लैपटॉप की जरुरत थी लेकिन मैकेनिक पिता इसके लिए व्यवस्था नहीं कर सके। उसने तेलगू भाषा में लिखे सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरे कारण, मेरा परिवार कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा है। मैं अपने परिवार के लिए बोझ हूं। मेरी शिक्षा एक बोझ है। यदि मैं अध्ययन नहीं कर सकती, तो मैं जीवित नहीं रह सकती। “
एश्वर्या की मौत की खबर दिल्ली पहुंचने के बाद माहौल गरमा गया है। कहा जा रहा है कि एश्वर्या को स्काॅलरशिप भी नहीं मिली थी। इसके चलते वो आर्थिक समस्याओं में थी। इसके बाद कई छात्र संगठनों ने इसे लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हाल ये ही कि मामला केन्द्र सरकार से जुड़ा होने के चलते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है तो वहीं एनएसयूआई और आईसा जैसे वामपंथी संगठन इस मुद्दे पर मुखर हैं।
कोरोना काल की सबसे दर्दनाक मौत
एश्वर्या की मौत के लिए एक तरह से कोरोना के चलते आई आर्थिक मंदी भी जिम्मेदार है। उसके पिता श्रीनिवास रेड्डी एक मैकेनिक हैं। उन्होंने एश्वर्या दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ सके इसलिए अपना दो कमरों वाला मकान दो लाख रुपए में गिरवी रखा था और वे इस लोन की किश्ते चुका रहे हैं। वे मैकेनिक हैं और कोरोना के चलते उनकी दुकान एक महीने से बंद थी। इसके चलते वे एश्वर्या के लिए पुराने लैपटॉप की व्यवस्था नहीं कर सके।
श्रीनिवास रेड्डी को अपनी बेटी से बहुत उम्मीदें थीं उन्हें लगता था कि एश्वर्या आईएएस बनेगी। इसी के चलते उन्होंने उसे दिल्ली में पढ़ाने का निर्णय किया था। एश्वर्या को पढ़ाने के चलते वे अपनी छोटी बेटी को नहीं पढ़ा पाए हैं। उनकी छोटी बेटी को सातवी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ना पड़ा था।
हमसे सहायता नहीं मांगी
एश्वर्या की आत्महत्या के मामले में लेडी श्रीराम कॉलेज की प्रिंसिपल सुमन शर्मा ने कहा कि ऐश्वर्या वित्तीय सहायता के लिए कॉलेज नहीं पहुंची। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उनकी मदद करने में असमर्थ थे। हालाँकि, उन्होंने अपनी दिक्कतों को लेकर कभी भी गणित विभाग या छात्रावास के अधिकारियों से संपर्क नहीं किया। कॉलेज में कई योजनाएं और छात्रवृत्ति हैं, लेकिन उन्होंने कभी सहायता नहीं मांगी। हमारे पास मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए कई तंत्र हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वह उन लोगों तक नहीं पहुंची।
एश्वर्या ने सोनू सूद से मांगी थी मदद
अभिनेता सोनू सूद को भी सहायता के लिए मेल किया था। ऐश्वर्या ने उन्हें 14 सितंबर को एक ईमेल लिखा था, प्रमाण के रूप में उनके प्रमाण पत्र संलग्न किए। उन्होंने लिखा, “मेरे पास लैपटॉप नहीं है और मैं व्यावहारिक पेपर नहीं दे पा रही हूँ। मुझे डर है कि मैं इन पेपर्स में फेल हो सकती हूं। हमारा परिवार पूरी तरह से कर्ज में है इसलिए लैपटॉप खरीदने का कोई तरीका नहीं है … मुझे यकीन नहीं है कि मैं अपना स्नातक पूरा कर पाउंगी या नहीं। “
छात्रावास का कमरा खाली करने को कहा
उन्हें अक्टूबर में अपना छात्रावास कमरा खाली करने के लिए कहा गया था। एलएसआर छात्रावास केवल प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए उपलब्ध है। रेड्डी ने कहा, “एक किराए के आवास में जाने के लिए व्यवस्था की जानी थी। मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो और मैं पैसे का प्रबंधन करूंगा, हालांकि मुझे नहीं पता था कि कहां से। 2 नवंबर को, उसने अपने हाथ से मुझे खिलाने की जिद की। और फिर उसने यह कदम उठाया। ”