एम्स के विशेषज्ञ ने पीएम मोदी के बच्चों के टीकाकरण के निर्णय को गलत बताया
कहा इससे कोई लाभ नहीं होने वाला
नई दिल्ली .
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन में 15 से 18 साल के किशोरों के शीघ्र टीकाकरण किए जाने कि घोषणा की गई थी । उनकी इस घोषणा को एम्स यानी अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान नई दिल्ली के महामारी विशेषज्ञ ने गलत बताते हुए इस टीकाकरण का विरोध किया है। उनका कहना है कि महामारी से लड़ाई में इसका कोई फायदा नहीं होने वाला है।
इंडियन पब्लिक हेल्थ असोसिएशन के प्रमुख डॉ. संजय के राय, जो कि एम्स में महामारी विशेषज्ञ हैं, ने कहा कि फैसले पर अमल से पहले उन देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करना चाहिए जिन्होंने पहले ही बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने बच्चों के लिए टीकाकरण का ऐलान करते हुए कहा कि इससे स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की चिंता कम होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से स्कूलों में शिक्षण सामान्य बनाने में मदद मिलेगी।
मोदी को टैग किया है ट्वीट
डॉ. राय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को टैग करते हुए ट्वीट किया, ”मैं पीएम मोदी की ओर से देश की निस्वार्थ सेवा और सही समय पर सही फैसलों के लिए उनका बड़ा फैन हूं। लेकिन बच्चों के टीकाकरण पर उनके अवैज्ञानिक फैसले से पूरी तरह निराश हूं।” अपनी बात समझाते हुए उन्होंने कहा कि किसी हस्तक्षेप के लिए स्पष्ट उद्देश्य होना चाहिए। उद्देश्य कोरोना संक्रमण रोकना या गंभीरता या मृत्यु से बचाना है। लेकिन वैक्सीन को लेकर हमारी जो जानकारी है, वे संक्रमण को बहुत रोकने में सक्षम नहीं हैं। कुछ देशों में लोग बूस्टर डोज के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं।
राय ने कहा, ”ब्रिटेन में हर दिन 50 हजार से अधिक केस आ रहे हैं। इसलिए यह साबित करता है कि वैक्सीन संक्रमण को नहीं रोक रहा है, लेकिन ये गंभीरता और मौत को रोकने में प्रभावी हैं।” उन्होंने कहा कि कोरोना की मृत्यु दर 1.5 फीसदी है, इसका मतलब है कि प्रति 10 लाख पर 15 हजार मौतें। उन्होंने कहा, ”टीकाकरण के जरिए हम 80-90 फीसदी मौतें रोक सकते हैं, जिसका मतलब है कि प्रति 10 लाख पर 14-15 हजार मौतें रोकी जा सकती हैं।”