जानिए मोबाइल चोरी हो जाने पर आपके कानूनी अधिकार और समाधान
अगर आपका मोबाइल चोरी हो गया हो और पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है तो घबराएं नहीं। आईपीसी की धारा 379 के तहत चोरी दंडनीय अपराध है। मोबाइल चोरी होने पर पुलिस एफआईआर दर्ज करने से इनकार नहीं कर सकती। सीआरपीसी की धारा 154 के तहत पुलिस की ये ड्यूटी है कि गंभीर अपराधों के मामले में एफआईआर दर्ज करे। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में ललिता कुमारी बनाम यूपी सरकार के मामले में गाइडलाइंस तय किया था कि किसी भी गंभीर अपराध के बारे में शिकायत मिलने पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी ही होगी। अगर पुलिस अफसर ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
अगर पुलिस मोबाइल चोरी की एफआईआर नहीं दर्ज करती है तो आप अपनी शिकायत को डाक के जरिए सीधे पुलिस अधीक्षक (SP) को भेज सकते हैं। अगर एसपी भी कोई कार्रवाई नहीं करते तब आप सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। कई राज्यों में ऐसे मामलों में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने की भी सुविधा है।
मोबाइल चोरी या गुम हो जाने पर आपको बिना देरी किए केंद्र सरकार की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। आप हाल में लॉन्च किए गए ‘संचार साथी पोर्टल’ पर इसकी शिकायत दर्ज करा अपने मोबाइल फोन को ट्रैक भी कर सकते हैं और ब्लॉक भी करा सकते हैं। इससे आपके मोबाइल में स्टोर डेटा सेफ रहेगा।
दरअसल दूरसंचार विभाग ने गुम या चोरी हुए मोबाइलों को ट्रैक और ब्लॉक करने के लिए संचार साथी पोर्टल बनाया है। सेन्ट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) के डेटा का इस्तेमाल कर ये पोर्टल मोबाइल को ट्रैक या ब्लॉक करता है। CEIR एक डेटा बैंक है जिसमें लोगों के मोबाइल मॉडल, सिम नंबर और IEMEI नंबर जैसे डीटेल रहते हैं।
इसके लिए आपको सबसे पहले संचार साथी पोर्टल ceir.sancharsaathi.gov.in पर जाना होगा। वहां आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्टर करने के बाद आपको ब्लॉक स्टोलेन/लॉस्ट मोबाइल, अन-ब्लॉक फाउंड मोबाइल और चेक रिक्वेस्ट के ऑप्शन दिखेंगे। अगर आपका मोबाइल चोरी या गुम हुआ है तो उसका मिसयूज रोकने के लिए उसे ब्लॉक कराना जरूरी है। इसलिए आप ब्लॉक मोबाइल का ऑप्शन चुनिए।
अपना नाम, मोबाइल नंबर, IMEI डीटेल, किसी ब्रैंड का मोबाइल है, मॉडल और इनवॉइस जैसे डीटेल भरें और उसे जुड़े डॉक्युमेंट अपलोड करें। उसके बाद आपको मोबाइल चोरी होने या खोने से जुड़ी सूचनाएं देनी होंगी मसलन कहां और कब मोबाइल खोया। इसके बाद आपको अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आईकार्ड का डीटेल देना होगा। फिर आपको मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसे वेरीफाई करने के बाद एक नया पेज खुलेगा जहां आपको अपना अकाउंट बनाना होगा। अकाउंट बनाने के बाद आप अपने मोबाइल को ट्रैक या ब्लॉक कर सकते हैं।