3rd December 2024

दो चुनाव एक ही जगह और दो EVM, फिर भी 185000 वोटो का अंतर

रइसलिए उठ रहे हैं सवाल

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों की सुनामी बहुत लोगों को हजम नहीं हो रही है इसका कारण यह है कि स्वयं एनडीए भी अपनी इतनी बड़ी जीत का दवा नहीं कर रहा था। ऐसे में स्वभाविक ही है कि EVM पर सवाल उठे। इस बार इन सवालों का आधार नांदेड़ में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच वोटो के अंतर का है। यहां पर लोकसभा उपचुनाव और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे और दोनों ही चुनाव में एक ही दिन मतदान हुआ लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 160000 वोट ज्यादा मिले तो वहीं विधानसभा चुनाव में वह यहां की सारी सीटें हार गई।

नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार चव्हाण रविन्द्र वसंतराव को कुल 586788 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा उम्मीदवार डॉ. संतुकराव मारुतिराव हम्बर्डे को 585331 वोट मिले। इस लिहाज से कांग्रेस उम्मीदवार कांटे की टक्कर में महज 1457 मतों के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। विधानसभा चुनाव के साथ नांदेड के लोकसभा सांसद बसंत राव चव्हान निधन से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव भी हुआ इसमें कांग्रेस ने बसंत राव चव्हान के पुत्र रविंद्र को प्रत्याशी बनाया था तो भाजपा ने संतुक राव हम्बर्डे को मौका दिया। यहां पर भाजपा आगे चलते-चलते आखिर में लगभग 1500 वोटो के अंतर से चुनाव हार गई लेकिन वही इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने प्रचंड जीत दर्ज की।

यह सवाल उठ रहा है कि दोनों चुनाव एक जैसे माहौल में एक जैसी पार्टियों के आमने-सामने होने के बावजूद लोकसभा और विधानसभा चुनाव की वोटिंग पैटर्न में इतना फर्क कैसे आ सकता है? इसी को आधार बनाकर ईवीएम पर संदेह जताया जा रहा है। जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र चव्हान को 5.87 लाख वोट मिले लेकिन विधानसभा चुनाव में 6 विधानसभा सीटों को मिलाकर कांग्रेस को केवल चार लाख 27 हजार वोट मिले। इस तरह से एक ही दिन हुए चुनाव में कांग्रेस को लोकसभा की तुलना में विधानसभा में 160000 वोट कम मिले। इस बात पर सवाल उठाए जा रहा है कि क्या यह संभव है? जब चुनाव एक जैसे मुद्दों पर एक ही दिन हो रहा है तो वोटो में इतना अंतर कैसे हो सकता है?

यह है कांग्रेस और भाजपा को विधानसभा में मिले वोट

एनडीए को 6 विधानसभा सीटों में मिलाकर 6 लाख 12000 वोट मिले हैं कांग्रेस को 6 विधानसभा सीटों में मिलाकर 4.27 लाख वोट मिले हैं। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मिले वोटों की तुलना एनडीए को विधानसभा चुनाव में मिले वोटो से की जाए तो यह अंतर 185000 वोटों का है।यदि इस अंतर को नांदेड लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली 6 विधानसभा सीटों पर बांटा जाए तो प्रत्येक सीट पर कांग्रेस को लोकसभा की तुलना में विधानसभा में लगभग 31000 वोट कम मिले हैं।

शिंदे मोदी से ज्यादा लोकप्रिय?

इसके साथ ही एक सवाल और खड़ा हुआ है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मेंमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेकी लोकप्रियता ज्यादा हैया फिर भाजपा का स्थानीय नेतृत्व भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है? इस बात पर पर तो भाजपा में भी कोई भी विश्वास नहीं करेगा । ऐसे में विधानसभा चुनाव में ज्यादा वोट मिलने के पीछे के कारण समझ से बाहर हैं और इसलिए निशाने पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है।

ख दिल्ली के भाजपा कार्यालय पर चुनाव की विजय स्पीच देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नांदेड़ में भी भाजपा की सीट जीती हुई बताई थी लेकिन अंतिम दौर में भाजपा यह सीट लगभग 1573 वोटो से हार गई। यदि इसे नांदेड के सांसद वसंत राव चव्हान के निधन के कारण उपजी सहानुभूति माने तो फिर सवाल उठता है कि वसंत राव चव्हान का निधन अगस्त में हुआ था वहीं 12 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी की हत्या हुई उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी को सहानुभूति का लाभ क्यों नहीं मिला और वह चुनाव कैसे हार गए?

error: Content is protected !!