15th October 2024

पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपों पर हुई दो पुलिसिया हत्याओं के बीच एक हिन्दू हीरो ‘प्रेमो’

ईशनिंदा के आरोप में पुलिस की गोली से मारे गए मुस्लिम डॉक्टर के शव को बचाने के लिए उनके ड्राइवर ने क्या नहीं किया 
एक सप्ताह में पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में दो पुलिस ने दो हत्याएं की

Goonj Special

सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल है फोटो पाकिस्तान के एक हिंदू ड्राइवर का है । ड्राइवर का नाम प्रेमो कोहली है और कुछ मुस्लिम युवतियां उनके हाथ चूम रही हैं । यदि ये भारत का यह फोटो होता तो भी बहुत बड़ी बात नहीं थी लेकिन यह फोटो पाकिस्तान का है। आप शायद यह जानने को इच्छुक होंगे कि आखिर इस ड्राइवर ने ऐसा क्या किया जिसने उसे पाकिस्तान के एक वर्ग में हीरो बना दिया। दरअसल प्रेम कोहली उमरकोट के डॉ. शाहनवाज कुम्भर का ड्राइवर है और शाहनवाज  पर मिलाद उन नबी के दिन एक फेसबुक पोस्ट के आधार पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया।

शाहनवाज ने बुधवार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया । उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उन्हें उनके पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा लेकिन कुछ ही घंटे बाद पुलिस एनकाउंटर में उनकी मौत हो गई। इसके अलावा इसी सप्ताह में पाकिस्तान में ईश निंदा के आरोप में पुलिस थाने के भीतर आरोपी को पुलिस कांस्टेबल ने गोली मार दी। इस कांस्टेबल को भी समाज के वर्ग ने सिर आंखों पर बैठा रखा है।

यह मामले पाकिस्तान में उबाल पर हैं। पाकिस्तान दो भागों में बट गया है एक तरफ कट्टर पंथी हैं जो गोली मारने वाले पुलिस अधिकारी को हीरो बना रहे हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के मानवीय कार्यकर्ता हैं जो प्रेम कोहली को हीरो बना बता रहे हैं। पाकिस्तान की मानव अधिकार कार्यकर्ता मेहर बलोच ने इसे लेकर पोस्ट किया है।

एक घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के उमरकोट की है। जब लोगों को डॉ. शाहनवाज की पोस्ट का पता चला गुस्साए लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया और शाहनवाज गायब हो गए। बाद में उन्होंने बुधवार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। पुलिस ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया था। लेकिन कुछ घंटे बाद शाहनवाज के परिजनों को उनके इनकाउंटर की खबर मिली। पुलिस का कहना है कि मीरपुर खास के इलाके में मोटर साइकल से दो आदमी जा रहे थे । पुलिस के रोकने पर उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। एक आदमी भाग गया और दूसरा आदमी पुलिस की गोली से मारा गया। जब पुलिस ने पास में जाकर देखा तो मृत व्यक्ति की पहचान डॉ. शाहनावज शाह के रूप में हुई।

इसके बाद भीड़ ने पुलिस थाना घेर लिया और जब शाहनवाज की लाश उनके परिजनों पर सौंपी जा रही थी तो भीड़ ने लाश छीन ली और उसे आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं भीड़ ने शाहनवाज के परिजनों पर भी हमला करने की कोशिश की। जैसे तैसे पुलिस ने डॉक्टर शाहनवाज लाश को बरामद किया। इसे कार में लेकर उनका ड्राइवर प्रेम कोहली वहां से भागा। कार को रोककर आग लगाने की कोशिश की गई। ड्राईवर प्रेम ने ही कुछ इस्लामिक जानकारों की मौजूदगी में शाहनावज को सुपुर्द-ए -खाक किया। फोटो में आप देख सकते हैं कि दो महिलाएं प्रेम के हाथ चूम रहीं है।

शाहनवाज की कब्र पर सिंधी मुस्लिमों ने एक जलसे का आयोजन किया और नारे लगाए कि मुल्लागर्दी बंद करो

पाकिस्तान के एक वर्ग में प्रेम हीरो है। यहां तक वहां के प्रमुख मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों ने उनकी तारीफ करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं। हालांकि प्रेम कोहली की जान को भी अब खतरा है। उधर भले ही पाकिस्तानी सरकार ने मीर पुर खास थाने पर तैनात और इस मामले में शामिल सात पुलिसकर्मियों को लाईन हाजिर कर दिया है लेकिन पाकिस्तान में इन लोगों को सम्मानित करने का दौर भी चल रहा है। सम्मानित करने वाले धार्मिक नेता और यहां तक कि सांसद भी हैं। अब एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक मौलवी शाहनवाज का सिर काटकर लाने वाले को पचास लाख रूपए ईनाम देने की घोषणा कर रहा है।

इसी दौरान पाकिस्तान के क्वेटा में एक दूसरा मंजर भी दिखाई दे रहा है। यहां पर मौलवी और उलेमा एक पुलिस कांस्टेबल के हाथ को चूम रहे हैं, तो पाकिस्तानी सांसद उसे गाजी की उपाधि दे रहे हैं। इस कांस्टेबल पर आरोप है कि उसने लॉ़कअप में बंद ईशानिंदा के आरोपी की सरकारी रिवाल्वर से गोली मारकर हत्या की है। ईशनिंदा के इस आरोपी का नाम अब्दुल अली है। उन्हें ईशनिंदा के आरोप में पकड़ा गया था। भीड़ थाने पहुंच गई और वे अब्दुल अली को उन्हें सौंपने की मांग करने लगी। पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते पुलिस अब्दुल अली को दूसरे रास्ते से कैंट थाने ले गई। यह थाना मिलिटरी क्षेत्र में होने के चलते सुरक्षित माना जाता है। लेकिन यहां पर तैनात एक कांस्टेबल साद खान सरहदी ने खुद को अब्दुल का रिश्तेदार बताया और उसके पास जाकर लॉकअप में उसे सरकारी रिवाल्वर से गोली मार दी।

इस पुलिसकर्मी को निलंबित कर उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। लेकिन पाकिस्तान मे लगभग राजनीतिक दलों और धर्मिक नेताओं ने साद खान को हीरो बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। साद खान के घर लोगों की भीड़ जुट रही है और ये भीड़ उनके पिता के हाथ चूम रही है। दोनों मामले सोशल और ग्लोबल मीडिया में छाए हुए हैं। पाकिस्तान में भी इसे लेकर विरोध हो रहा है । ईशनिंदा के नाम पर पाकिस्तान में अब तक सैंकड़ों लोग इसी तरह जान गंवा चुके हैं लेकिन ये सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है।

 

जब शाहनवाज को कैंट थाना ले जाया गया और वहां के लॉकअप में बंद कर दिया गया तभी वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने खुद को शाहनवाज का रिश्तेदार बता कर लॉकअप के पास पहुंचा और शाहनवाज को अपनी सरकारी पिस्टल से गोली मार दी। पुलिसकर्मी की पहचान 

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