3rd December 2024

आनंद महिन्द्रा ने किया था हिन्दू विरोधी कांफ्रेंस को प्रायोजित

ध्रुव जुरेल को लेकर निशाने पर आए महिन्द्रा तो हुआ खुलासा

मामला 2021 का, कांफ्रेंस में हिन्दुत्व को महिला विरोधी और जातिवादी साबित करने की हुई थी कोशिश

आनंद महिन्द्रा वैसे तो खुद ही सोशल मीडिया एक्स (ट्वीटर) पर बहुत सक्रिय रहते हैं लेकिन सोमवार भारत के इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच जीकने और इसमें ध्रुव जुरेल के जोरदार प्रदर्शन के बाद वो फिर चर्चा में आ गए। मामला कुछ ऐसा है कि जब सरफराज खान ने टेस्ट में पदार्पण किया था, उसी टेस्ट मैच में ध्रुव जुरेल भी भारत के लिए पहला मैच खेल रहे थे। चारों तरफ सरफराज की चर्चा थी। सरफराज ने इस मैच में दो अर्धशतक लगाए थे और पहली पारी में वे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए थे। आनंद महिन्द्रा ने उस समय सरफराज और उनके पिता के नौशाद खान के संघर्ष का सम्मान करते हुए उन्हें एक महिन्द्रा थार गिफ्ट करने की घोषणा की थी।

अगले ही टेस्ट में सरफराज बुरी तरह से असफल रहे लेकिन ध्रुव जुरेल अपनी शानदार बल्लेबाजी और विकेट कीपिंग के चलते भारत को उलझा हुआ टेस्ट मैच जिताने में सफल रहे। उन्हें शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ दि मैच भी घोषित किया गया। महिन्द्रा ने जुरेल के लिए कुछ भी नहीं किया।

इसके बाद सोशल मीडिया एक्स पर ध्रुव जुरेल और सरफराज की तुलना भी शुरू हो गई। बात यहां तक पहुंच गई कि ध्रुव जुरेल तो कारगिल का युद्ध लड़े सैनिक के बेटे हैं। उनकी क्रिकेटर बनने की यात्रा भी कम संघर्षपूर्ण नहीं हैं ऐसे में आनंद महिंद्रा को ध्रवु जुरेल पर वैसा प्यार क्यों नहीं उमड़ा। इसके बाद कहा जाने लगा कि महिन्द्रा को विशेष लोगों से विशेष प्रेम है और उनका संस्थान एक हिन्दू विरोधी कांफ्रेस का भी सह प्रायोजक रह चुका है।

इसे लेकर ट्वीट किए जा रहे हैं और सरफराज खान को ट्रोल किया जा रहा है। इतना ही नहीं कुछ यूजर्स ने एक पुरानी कांफ्रेंस का पोस्टर भी पोस्ट किया है। ये कांफ्रेंस 9 से 12 सितंबर 2021 को हुई थी और इसका विषय था Dismantling Global Hindutva यानी वैश्विक हिन्दुत्व को खत्म करना। बताया गया है कि इस कांफ्रेस में बहुत से प्रायोजक थे। इनमें से एक प्रायोजक महिन्द्रा ह्यूमेनिटीज सेंटर भी था। यह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में स्थापित है और इसके संस्थापक महिन्द्रा समूह ही है। आनंद महिन्द्रा को इसके पीछे माना जाता है। इस कांफ्रेस के 45 से अधिक यूनिवर्सिटी और संस्थान ने सह प्रायोजित किया था। इस तरह के आरोप लगाए गए हैं इनमें महिन्द्रा का संस्थान भी था।

इस बारे में इटंरनेट पर सर्च करने पर डेली स्विच नाम की वेबसाइट पर इस बारे में एक विस्तृत खबर है। इस तरह की खबरें कुछ और अंग्रेजी वेबसाइट पर भी मौजूद हैं।

इसमे लिखा गया है कि आनंद महिन्द्रा के महिन्द्रा ह्यूमेनीटीज सेंटर को विवादित ग्लोबल हिन्दुत्व कांफ्रेंस में सह प्रायोजक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इस कांफ्रेस का दुनियाभर के हिन्दुओं ने विरोध किया था। इस कांफ्रेंस की वेबसाइट कईं दिनों तक बंद रहने के बाद अब उपलब्ध है इसमें डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व कांफ्रेंस में महिन्द्रा ह्यूमेनिटीज सेंटर को सह प्रायोजक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। बेवसाइट ने इसका स्क्रीन शॉट भी पोस्ट किया है। जिसे आप यहां देख सकते हैं।

 2010 में आनंद महिन्द्रा ने हार्वर्ड में महिन्द्रा ह्यूमनिटी सेंटर 10 मिलीयन डॉलर दान किए थे, जो कि हार्वर्ड के ह्युमेनिटीज विभाग में सबसे अधिक राशि थी।

क्या था डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व

इसे लेकर जो राइट अप जारी किया गया था। इसके अनुसार भारत में भाजपा और उसके सहयोगियों के सत्ता में आने के बाद हिन्दू उग्रावादी समूहों का उदय हुआ है और उसी अनुपात में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है। भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक असहमति दर्शाने वाले लोगों, पत्रकारों और मानव अधिकारवादी कार्यकर्ताओं को धमकी दी जा रही है और उन्हें जेल भी भेजा जा रहा है। इसमें विशेष रूप से सीएए को भी निशाने पर लिया गया था। इसमें हिन्दुत्व के विस्तारवाद से दुनिया को आगाह करने और इनके क्रियाकलापों की समझ विकसित करने की जरुरत है। इसके लिए इस कांफ्रेंस को जरूरी बताया गया था।

ये थे कांफ्रेंस के विषय

तीन दिवसीय ऑनलाइन कांफ्रेंस में बहुत से वक्ताओं को बुलाया गया था। जिसमें प्रमुख रूप से आनंद पटवर्धन , आयशा किदवई , बानू सुब्रमण्यम , भंवर मेघवंशी, क्रिस्टोफ़ जाफ़रलॉट, कविता कृष्णन, मीना कंडासामी, मोहम्मद जुनैद, नंदिनी सुन्दर, नेहा दीक्षित, पी. शिवकामी आदि शामिल थे। इसके बारे में और जानकारी के लिए इसके पोस्टर को देखिए

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