जब बॉब डिलन ने परेशान अमेरिकी किसानों की मदद के लिए किया था कॉन्सर्ट
अमेरिका के युवा कलाकारों ने 1985 में किसानों की मदद के लिए बनाया था फॉर्म एड
भारत में किसान आंदोलन चरम पर है। पूरा देश दो ध्रुवों में बंटा हुआ है। एक तरफ वह लोग हैं जो किसानों का समर्थन कर रहे हैं तो दूसरी ओर वह लोग हैं जो इस मामले में सरकार को सही साबित करने में लगे हुए हैं। हालांकि किसानों के भीतर भी इस मामले को लेकर दो पक्ष हैं। किसानों को तो छोड़िए लेकिन इस बहस में शामिल गैर किसानों से तो यह सवाल किया जा सकता है कि आखिर उन्होंने किसानों की बेहतरी के लिए आज तक किया क्या है?
यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका में भी कुल कृषि का 90% से ज्यादा हिस्सा फैमिली फार्म से आता है। 1985 में अमेरिका में कुछ लोकप्रिय कलाकारों ने इन फैमिली फॉर्म की बुरी स्थिति को देखते हुए फॉर्म ऐड नाम से इलिनॉइस में एक कॉन्सर्ट किया था। इस कॉन्सर्ट में महान कलाकार बॉब डिलन ने भी परफॉर्म किया था। बॉब डिलन को आधुनिक समय का महानतम गीतकार माना जाता है। उनके साथ ही जो नाम इस कॉन्सर्ट में जुड़े थे वे थे बॉन जोवी, जिमी बफेट, जॉनी कैश, बिली जोएल, जॉन मैलैनकैंप, विली नेलसन, नील यंग और लोरेटा जैसे कईं लोकप्रिय कलाकारों ने इस कॉन्सर्ट में अपनी प्रस्तुति दी थी।
नौ मिलियन डॉलर इकट्ठा किए
यह कॉन्सर्ट यूनिवर्सिटी आफ इलिनॉइस के स्टेडियम में हुआ था । इसे 80 हजार लोगों ने देखा था और इससे 90 लाख अमेरिकी डॉलर इकट्ठा हुए थे। इससे फॉर्म एड ने कर्ज के बोझ में दबे किसानों की मदद की थी। विली नेलसन, जॉन मैलैनकैंप और नील यंग की इस योजना को केवल एक साल के लिए ही बनाया गया था लेकिन 9 मिलियन अमेरिकी डॉलर अमेरिकी फैमिली फार्मर की मदद के लिए काफी नहीं थे।
इसके चलते 1985 से अब तक फॉर्म एड हर साल किसानों के लिए न केवल कॉन्सर्ट करता है बल्कि मदद के लिए अन्य तरीके भी अपनाता आया है। फार्म एड की बात इसलिए की जा रही है ताकि किसानों के लिए चिंता करने वाले लोग उनके लिए कुछ करने के बारे में सोचें।
क्या करता है फार्म एड
कर्ज के बोझ के तले दबा किसानों की मदद करने के लिए शुरु किए गए इस अभियान को चलते हुए 35 साल हो चुके हैं। फॉर्म एड किसानों के लिए एक हॉटलाइन हेल्पलाइन भी चलाता है। इतना ही नहीं इस संगठन ने फैमिली फॉर्म डिजास्टर फंड भी बनाया है। इससे उन फैमिली फॉर्मर्स की मदद की जाती है जिनकी फसल मौसम या किसी अन्य कारणों से बर्बाद हो जाती है। फॉर्म एड किसानों के प्रशिक्षण और उनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ने की व्यवस्था भी करता है।
इन हालातों में शुरू हुआ था फॉर्म एड
1980 की कृषि संकट के बीच ऐसी स्थितियां बन गई थी जब हजारों किसानों ने किसानी से परेशान होकर खेती छोड़ दी थी। यह किसान लोन से दबे हुए थे और इन लोगों ने अपनी जमीन गिरवी रख कर लोन लिए थे। ऐसे में उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया था। ऐसे समय में फॉर्म एड उनकी मदद के लिए सामने आया था। इस समूह का सोचना था कि फैमि्ली फार्म देश की खाद्य सुरक्षा के लिए जरूरी है और इसे बचाए रखा जाना चाहिए। इसके लिए यह समूह कॉर्पोरेट खेती के खिलाफ अभियान भी चलाता रहता है।
क्या है फैमिली फार्म ?
फैमिली फॉर्म यानी की परिवारिक खेती। ये वे किसान हैं जो कि पीढ़ी दर पीढ़ी से खेती कर रहे हैं। ज्यादातर इस तरह के किसानों को कृषि भूमि अपने पूर्वजों से विरासत में मिली हैं। अमेरिका में 90 प्रतिशत से ज्यादा खेती फैमिली फार्मिंग के रूप में ही होती है। भारत में भी फैमिली फार्मिंग ही खेती का आधार है। हालांकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन के मामले में फैमिली फार्मिंग कॉर्पोरेट फार्मिंग से पीछे है लेकिन फार्म एड जैसे संगठनों का मानना है कि कॉर्पोरेट खेती दुनिया की खाद्य सुरक्षा पर खतरा है क्योंकि कॉर्पोरेट्स का खेती पर एकाधिकार होते से ही ग्राहकों के विकल्प सीमित हो जाएंगे और ये कॉर्पोरेट्स कीमतो के मामले में मनमानी करने लगेंगे।
फार्म एड से समझिए एमएसपी को
खास बात ये है कि भारत में किसान नए कृषि कानूनों का विरोध एमएसपी की गांरटी न होने के आधार पर कर रहे हैं, वहीं फार्म एड ने इस मामले में कॉर्पोरेट्स की रणनीति का खुलासा करते हुए बताया है कि कॉर्पोरेट्स सबसे पहले एैसी स्थितियां निर्मित की जाती हैं जिससे फैमिली फार्मर्स को अपने उत्पाद का सही मूल्य न मिले। ऐसा लगातार होते रहने पर फैमिली फार्मर्स खेती को छोड़ देना बेहतर विकल्प समझते हैं। खेती में कॉर्पोरेट्स के प्रवेश को लेकर चेताते हुए फार्म एड का कहना है कि ये कॉर्पोरेट स्थानीय अर्थव्यवस्था को खत्म कर देंगे। यहां तक अमेरिकी में भी खाद्य उत्पादों पर गिने चुने कॉर्पोरेट्स का एकाधिकार हो चुका है।
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