नास्तिक बताने के लिए CPM ने मेरे पिता का देहदान किया

सीपीएम के पूर्व सांसद लॉरेंस की बेटी ने हाई कोर्ट में लगाई याचिका, मांगी पिता की देह

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और पूर्व सांसद एमएम लॉरेंस की 21 सितंबर 2024 को मृत्यु हो गई। इसके पश्चात उनकी मृत शरीर को मेडिकल कॉलेज में दान दे दिया गया, सरकार की ओर से बताया गया कि ऐसा उनके परिजनों की इच्छा पर किया गया है । इस मामले में लॉरेंस की बेटी आशा ने केरल हाई कोर्ट में याचिका लगाकर कहा है कि उन्हें उनके पिता की देह को वापस दिलाया जाए क्योंकि उन्होंने कभी भी देहदान की इच्छा प्रकट नहीं की साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि लॉरेंस की नास्तिक छवि पेश करने के लिए सीपीएम ने यह षड्यंत्र रचा है।

लॉरेंस और उनकी बेटी आशा

कोर्ट ने इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को निर्देश जारी किए हैं। आशा द्वारा केरल हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई याचिका में कहा गया है कि उनके पिता का बपतिस्मा हुआ था और वह आजीवन ईसाई रीति रिवाज का पालन करते रहे। उन्होंने यह भी कहा है कि उनके माता-पिता की शादी भी ईसाई रीति रिवाज से हुई थी।

उन्होंने यह भी कहा कि लॉरेंस ने अपने सभी बच्चों का बपतिस्मा करवाया था। आशा ने अपनी याचिका में कहा है कि सीपीएम अपने कार्यकर्ताओं के बीच लॉरेंस की नास्तिक छवि पेश करने के लिए यह झूठ फैला रही है कि वह नास्तिक थे। उन्होंने यह भी कहा है कि उनके पिता ने कभी भी देहदान की इच्छा प्रकट नहीं कि इस संबंध में उनका कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।

वही आशा के अन्य भाई बहनों की तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि लॉरेंस ने ही देहदान की इच्छा प्रकट की थी इसी के चलते उनका देहदान किया गया है। उधर पूर्व सांसद लॉरेंस की बेटी आशा का कहना है कि यदि उनके पिता का अंतिम संस्कार ईसाई रीति रिवाज के साथ नहीं किया जाता है तो यह ऐसा नुकसान होगा जिसकी भरपाई संभव नहीं होगी।

लॉरेंस कश्यप एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज को 23 सितंबर को सोपा गया है सरकार ने कहा है कि फिलहाल देह को इस अवस्था मेंरखने के लिए कहा गया है। आशा ने इस मामले में पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई है।

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