दिल्ली यूनिवर्सिटी में BBC की डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर NSUI नेता समेत 2 स्टूडेंट एक साल के लिए प्रतिबंधित

नई दिल्ली.

 दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कैंपस में 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री दिखाने में कथित तौर पर शामिल कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के एक नेता समेत दो छात्रों को एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस दौरान छात्रों को विश्वविद्यालय या कॉलेज या विभाग की कोई परीक्षा नहीं देने दी जाएगी।

अधिकारी ने बताया कि 27 जनवरी की घटना में कथित तौर पर शामिल 6 अन्य छात्रों को ‘कम सख्त’ सजा दी गई है। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि और छात्रों को सजा दी जा सकती है।

अधिकारी ने कहा, ‘हमने दो छात्रों को प्रतिबंधित कर दिया है और 6 छात्रों को कम सख्त सजा दी गई है। हमने कई छात्रों के अभिभावकों को भी बुलाया है। आने वाले दिनों में और कार्रवाई की जा सकती है।’ उन्होंने यह नहीं बताया कि छह अन्य छात्रों को क्या सजा दी गई है।

जिन छात्रों को प्रतिबंधित किया गया है उनकी पहचान एंथ्रोपोलॉजी डिपार्टमेंट में पीएचडी स्कॉलर लोकेश चुग और विधि संकाय के रवींद्र के रूप में की गई है। उन्हें जारी ‘गोपनीय’ मेमो में कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ ‘प्रतिबंधित’ है। कांग्रेस से संबद्ध भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय सचिव चुग ने कहा कि वह घटना वाले दिन कला संकाय में मौजूद नहीं थे और वृत्तचित्र पर पाबंदी नहीं है।

मेमो में कहा गया है, ‘…प्रतिबंधित बीबीसी वृत्तचित्र के प्रदर्शन में भाग लेने का कृत्य लोकेश चुग की तरफ से अनुशासनहीनता है।’ इस मेमो की एक प्रति न्यूज एजेंसी भाषा के पास है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसी तरह का एक मेमो रवींद्र को भी जारी किया गया है।

error: Content is protected !!