3rd December 2024

विखे पाटील हो सकते हैं महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री!

भाजपा का प्लान बी तैयार, सुप्रीम कोर्ट में शिंदे के बचने की संभावना कम

नई दिल्ली/मुंबई

महाराष्ट्र सरकार की गाड़ी सुप्रीम कोर्ट में अटकती दिख रही है। महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ चीफ जस्टिस डीवाय चंद्रचूड की टिप्पणियों के बाद लगभग ये मान लिया गया है कि अब एकनाथ शिंदे की सरकार का बचना असंभव है। इसे देखते हुए भाजपा ने नई तैयारी शुरू कर दी है। इस बार भाजपा खुद का मुख्यमंत्री बनाएगी लेकिन देवेन्द्र फड़नवीस को इस बार भी मौका नहीं मिलेगा। सूत्रों के अनुसार पार्टी इस बार पुराने मराठा नेता राधाकृष्ण पाटिल को आगे कर सकती है। पाटिल अभी शिंदे की सरकार में मंत्री हैं। वे सात बार के विधायक हैं।

सुप्रीम कोर्ट में जो परिस्थितियां निर्मित हुईं हैं उसके बाद भाजपा के पक्ष में ट्वीटर पर ट्रोल करने वाले ट्रोलर्स द्वारा चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ को कोश्यारी की भूमिका पर सवाल उठाने के लिए ट्रोल किया जा रहा है। इसके चलते शिंदे की राह और कठिन हो गई है। इस मुद्दे पर विपक्ष के राज्यसभा सांसदों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रपदी मुर्मु को ज्ञापन भी दिया है। इसके अलावा पिछले कुछ समय से केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू और चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के बीच भी सुप्रीम कोर्ट के कालेजियम सिस्टम को लेकर तकरार भी हुई थी। इसके बाद माना जा रहा है कि इस बार के चीफ जस्टिस के साथ सरकार के संबंध बहुत सामान्य नहीं हैं। इसके चलते भी शिंदे के पक्ष में निर्णय आने की संभावना कम दिखाई दे रही हैं। इस मामले में कानून और तथ्य दोनों शिंदे के खिलाफ दिख रहे हैं।

कौन है विखे पाटिल ?

राधाकृष्ण विखे पाटिल सात बार के विधायक हैं तथा उनकी पहचान महाराष्ट्र में किसान नेता के रूप में है। वे कांग्रेस से भाजपा में आए हैं तथा महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। उनको चुनने के पीछे पार्टी का गणित मराठा मतदाताओं को संदेश देना भी है। प्रदेश में अब तक भाजपा के सभी शीर्ष नेता गैर मराठा ही रहे है। महाराष्ट्र भाजपा में प्रमोद महाजन से लेकर नितिन गढ़करी और फड़नवीस तक ब्राह्मण नेता ही शीर्ष पर रहे हैं। इसके पहले गोपीनाथ मुंडे भाजपा के शीर्ष नेता थे लेकिन वे भी बंजारा समाज से आते थे। ऐसे में पार्टी को जिस मराठा चेहरे की जरुरत है वो विखे पाटिल पूरी करते हैं। इसके साथ ही वे फड़नवीस की तुलना में बहुत लो प्रोफाइल नेता भी हैं, जो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के प्रतिमानों को पूरा करते हैं।

फड़नवीस क्यों नहीं ?

देवेंद्र फड़नवीस के चलते भाजपा को पिछलीबार भी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी जब उन्होंने सुबह-सुबह अजीत पवार के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। माना जाता है कि शिंदे का प्रयोग भी फड़नवीस की ही देन है। इसके बाद हुए सर्वे में भाजपा को लोकसभा चुनाव में नुकसान होता दिख रहा है। इसके साथ ही हाल ही में फड़नवीस की पत्नी ने एक फैशन डिजायनर पर ब्लैकमेल करने की एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले से भी फड़नवीस की मुश्किलें बढ़ी हैं।

महाराष्ट्र में चर्चा है कि फैशन डिजायनर का फड़नवीस के घर पर पांच साल से आना जाना था। ऐसे नें कहा जा रहा है कि इस डिजायनर के सट्टेबाज की बेटी होने की जानकारी फड़नवीस की पत्नी अमृता को नही थी ऐसा नहीं माना जा सकता है। इस मामले में कहा जा रहा है कि अमृता फड़नवीस को कुछ राज इस डिजायनर के पास है इसके चलते उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा कर गिरफ्तारी की गई है। फड़नवीस ही प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं।

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