9th October 2024

लॉकडाउन में यात्री पास को लेकर मप्र के पूर्व मंत्री की ट्वीट पर जनता ने लगाई क्लास

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प्रदेश में ही अपने घरों से दूर अटके लोग घर जाने के लिए हो रहे परेशान

भोपाल.

मप्र के इंदौर और भोपाल में कोरोना की महामारी बहुत तेजी से बढ़ी है। इसके चलते यहां पर प्रशासन की रुख भी कठोर है। लेकिन अब इसमें अव्यवहारिकता के आरोप भी लग रहे हैं और इसे लेकर प्रशासन और नेता दोनों ही जवाब नहीं दे पा रहे हैं। सरकार ने जब से कोटा से छात्रों की वापसी कराई है, तब से प्रदेश के भीतर ही कईं स्थानों पर फंसे छात्र-छात्राएं और उनके माता-पिता मुखर हो गए हैं।

अव्यवहारिकताके हाल यह हैं कि एक अधिकारी नें स्वयं की शादी के लिए अनुमति मांग रही युवती को ही सलाह दे दी कि तुम घर जाने का पास लेने की बजाय दूल्हे को यहीं बुला लो।

मप्र सरकार में 15 वर्षों तक मंत्री रहे राजेंद्र शुक्ला ने गुरुवार को अपने स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले यात्रियों को दिए जाने वाली पास की सुविधा की तारीफ में एक ट्वीट किया। लेकिन यह ट्वीट उन्हें भारी पड़ गया। इस ट्वीट पर ढे़रों जवाब आए और सभी ने सरकार औऱ प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया। कईं ट्वीटर यूजर्स ने यहां तक तक कह दिया कि इस मामले मे सरकार का काम कागजी है। राजेन्द्र शुक्ला ने यह ट्वीट किया था।

इसके जवाब में दर्जनों जवाब आए। संतोष शुक्ला नामक यूजर ने लिखा कि भाईसाब ये सही है सरकार व्यवस्था दे रही है लेकिन सक्षम अधिकारी जनता को कई तरह के नियम बता कर भटका रहे हैं और उनके मूड पर निर्भर रहता है कि  पास देना है कि नहीं,व्यवस्था में सुधार करवाने की कृपा करें।

राम तिवारी नामक यूजर्स ने कहा कि भोपाल से रीवा तो पास मिल नही रहा आप बाहर से लाने की बात कर रहे हो।

कोटा से छात्र ले आए तो इंदौर से भी ले आओ

प्रदेश के विद्यार्थियों और उनकी अभिभावकों में गुस्सा इस बात का है कि  कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्र अपने घर पहुंच चुके हैं लेकिन इंदौर में इसकी तैयारी कर रहे छात्र अब भी प्रदेश में ही अपने घर नहीं पहुंच पाएं हैं। इसे मुद्दा बनाकर एक यूजर डॉ. अखिलेश शुक्ला ने लिऱ्खा कि ये एप्लिकेशन तो पढ़ लो। उम्मीद है कि आप एक नजर जरूर डालेगे बाकी अपकी मर्जी। यहाँ पुरी तरह से परेशान हो चुका हु। हमारे साथ २ स्टूडेंट भी हैँ जो बहुत परेशान हैँ। अगर आप कुछ कर सकते हैँ तो हमे पास दिलवा दीजिए।

योगेंद्र सिंह परिहार ने लिखा कि परम आदरणीय श्री मान राजेन्द्र शुक्ला जी माननीय कलेक्टर महोदय सतना ने ३ बार मेरा आवेदन निरस्त किया बिना किसी कारण के। अब इस व्यवस्था से मेरा विश्वास उठ गया है मै बोकारो झारखंड में फसा हूं सतना मध्य प्रदेश आना चाहता हूं

पवन शुक्ला नामक एक ट्वीटर हैंडल ने लिखा कि रोज नए नम्बर नए आदेश,ऐसा करो वैसा करो,वास्तविकता में कुछ नही हो रहा है यहां प्रतिदिन व्यक्ति परेशान हो रहा है और साहब मंत्री गठन में व्यस्त हैं। आप सब चिंता न करे सबको घर पहुंचाया जाएगा ट्विटर पे।

 राज कुशवाह नामक ट्वीटर हैंडल ने लिखा कि कैसे आवेदन करूं कलेक्टर का फोन लगता ही नहीं है। इसके लोगों ने प्रक्रिया अस्पष्ट बताते हुए जानना चाहा कि जिनके पास स्वयं के वाहन नहीं हैं, वे कैसे अपने घर लौटेंगे? क्या वे बाहर से किराए का वाहन लेकर आएंगे तो क्या वाहन को वापस जाने का पास मिलेगा? हालांकि शुक्ला ने इक्का -दुक्का छोड़कर किसी का जवाब नहीं दिया।

दूल्हे को यहीं बुला हो शादी के लिए

एक युवती ने अगले सप्ताह शाादी है लेकिन वो इंदौर में फंसी हुई है। शादी का समय निकट है और उसका गृह जिला रेड झोन में नहीं है। इसके चलते वो वहां जाने की अनुमति मांग रही है। उसे अनुमति तो अब तक नहीं मिली है, लेकिन जिम्मेदारों ने उसे मुफ्त की सलाह दे दी कि वो दूल्हे को इंदौर बुलाकर शादी कर ले। जिम्मेदारों ने यह भी सोचना जरुरी नहीं समझा कि शादी जिस स्थान पर है वो रेड झोन नहीं है तो फिर दूल्हे को अपने माता-पिता के बिना रेड झोन में बुलाकर शादी क्यों की जाए?

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