इस्लाम का एक्स फैक्टर…

ex-Muslim day पर विशेष

रात ढ़ाई बज रहे हैं। यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम चल रही है। दो युवा और दो युवतियों के बीच कुरान की आयत पर बहस हो रही है। बहस इस्लाम में बीबी और लौंडियों के लेकर है। आपको लौंडी शब्द से अश्लीलता की बू आ सकती है लेकिन आप यह आयत पढ़ेंगे तो आपकी आपत्ति काफूर हो जाएगी। दोनों लड़कियां इस आयत का बचाव कर रही हैं और वहीं दोनों युवा जिनमें से एक का नाम साहिल है और दूसरे का नाम एडम सीकर, (ये दोनों के छद्म नाम हैं लेकिन इनके यूट्यूब चैनल इसी नाम से हैं। आपको आगे पता चलेगा कि ये अपने छद्म नाम का उपयोग क्यों करते हैं) ये दोनों इस आयत के प्रतीकों में खुद औऱ् दोनों लड़कियों को ऱखकर ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि ये आयत सभ्य समाज के अनुकूल नहीं है।

कईं बार बहस गाली गलौज तक भी पहुंच जाती है। ये दोनों युवा एक्स मुस्लिम यानी वो मुस्लिम जिसने इस्लाम छोड़ दिया है, के रूप में जाने जाते हैं और दोनों के यूट्यूब चैनल सबसे लोकप्रिय एक्स मुस्लिम चैनल में शामिल हैं।

इस्लाम और अपने घर वालों की नजर में एडम सीकर और साहिल मुर्तद हैं और कुरान मुर्तद का सर कलम करने वाले को सवाब यानी कि पुण्य देता है हालांकि कुछ इस्लामिक विद्वान इससे सहमत नहीं हैं लेकिन साहिल और अन्य एक्स मुस्लिम इसे कुरान के आयत के हवाले से सही ठहराते हैं। उनके हिसाब से ऐसा करने वाले को अल्लाह 72 हूरों वाली जन्नत अता फरमाते हैं। इसी चलते ये साहिल और एडम अपने छद्म नामों से छिपकर रहते हैं।

दरअसल एक्स मुस्लिमों के ये यूट्यूब चैनल मुस्लिमों के बीच इस्लाम के सच के सामने लाने का दावा करते हैं। इनकी लाइव स्ट्रीम रात के शुरू होती है और सुबह तक चलती है। इसमें कोई भी भाग ले सकता है और अपनी बात रख सकता है। कईं बार स्ट्रीम में चर्चा के टॉपिक पहले से ही बता दिए जाते हैं। कुल मिलाकर यह चैनल इ्स्लाम की आस्था को तर्क की कसौती पर कसने की कोशिश करते हैं। कईं लोग इनसे बहस करने आते हैं और एक्स मुस्लिम बनकर लौटते हैं। वहीं कईं गाली और धमकी देकर जाते हैं।

इन एक्स मुस्लिमों का कहना है कि कुरान अरबी में है और भारत में भी उसे इसी भाषा में रटवाई जाती है, कुरान समझाई नहीं जाती। जो भी इसे मायने यानी अर्थ के साथ पढ़ता है उसके मन में बहुत से सवाल उठते हैं और वो इनके जवाब खोजने कोशिश में इटरनेट और इनके यूट्यूब चैनल तक पहुंच जाता है। इन स्ट्रीम्स में ऐसे बहुत से मुस्लिम आते हैं जो कुछ समय से वीडियो देख रहे होते हैं और फिर स्ट्रीम में लाइव आकर अपनी सवाल और जिज्ञासा के जवाब खोजते हैं। इन सभी से कहा जाता है कि वे अपना कैमरा बंद रखे, सही नाम न बताएं और प्रोफाइल पर अपना फोटो न लगाएं ताकि उनकी पहचान न उजागर हो। लेकिन इनके मुस्लिम होने का टेस्ट लिया जाता है। इनसे कुरान की कोई आयत सुनाने का कहा जाता है। ताकि यह आरोप न लगे कि कार्यक्रम प्रायोजित है।

जफर हेरेटिक, सचवाला, समीर, यास्मीन खान, हफीसा, हकूक सीकर, महलीज सरकारी ये सभी एक्स मुस्लिम यानी भूतपूर्व मुस्लिम हैं और कट्‌टरपंथी मुस्लिम इन्हें अपने लिए अभूतपूर्व संकट मानते है। इसके चलते इन सभी का जीवन खतरे में है। इन सभी के परिवारों ने भी इनसे किनारा कर लिया है।

झफर हेरेटिक का चैनल सबसे पुराना है तो समीर अब सनातन धर्म को मानने लगे हैं। यास्मीन खान उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और जब उनके घरवालों को उनके इस्लाम छोड़ देने का पता चला तो माता –पिता की अकेली संतान होने बावजूद उन्हें घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें एक रात जंगल में बिताने पड़ी थी। अब वे भी एक्स मुस्लिम यास्मीन के नाम से यूट्यूब चैनल चलाती हैं। यह उनका छद्म नाम है। वे भी छिप कर रहती हैं।

एशिया का सबसे बड़ा एक्स मुस्लिम चैनल चलाने वाले साहिल कई वर्षों तक तबलीगी जमात में भी सक्रिय रहे। उन्हें पहचाने लेने वाले एक मौलवी ने उन्हें उनका एक्स मुस्लिम चैनल बंद करने के लिए कहा, ऐसा न करने पर मौलवी ने उनका असली नाम और फोटो सार्वजनिक कर दिए। इसके बाद कुछ समय तक साहिल अपने चेहरे के साथ न्यूज चैनल्स पर भी दिखाई दिए। लेकिन अब फिर उन्होंने अपना चेहरा दिखाना बंद कर दिया है। महलीज सरकारी भी एक्स मुस्लिम हैं लेकिन वे पाकिस्तानी होने के बावजूद लंबे समय से कनाड़ा में रह रही हैं इसके चलते उन्हें पहचान छुपाने की जरुरत नहीं पड़ती है।

एडम सीकर पाकिस्तान हैं और पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देश में एक्स मुस्लिम होने का मतलब जान से जाना है। अब वे पाकिस्तान में नहीं रहते और कहां रहते हैं ये किसी को नहीं बताते। उनका असली किसी को मालूम नहीं हैं। लेकिन उनका परिवार भी उनके छोड़ चुका है।

सचवाला उम्र के छठे दशक में हैं। जब उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को इस्लाम छोड़ने के बारे में बताया तो पत्नी और बच्चों ने इस्लाम की बजाय उन्हें ही छोड़ दिया। इतना ही नहीं उनका एक यूट्यूब चैनल भी बैन करा दिया गया। उन्होंने फिर इसी नाम से अपना एक्स मुस्लिम चैनल शुरू किया है। इसमें वे कुरान को तर्क की कसौटी पर कसने की कोशिश करते हैं।

निश्चित रूप से एक सवाल आपके मन उठेगा कि आखिर ये एक्स मुस्लिम इतनी परेशानी क्यों झेल रहे हैं। तो इस मामले में इनका कहना है कि वे दुनिया को इस्लाम के खतरे बचाना चाहते हैं। उनका कहना है कि इस्लाम अपने सिवा किसी को स्वीकार नहीं करता। दुनिया और इस्लाम के मानने वालों को इसकी जानकारी होना चाहिए। एक्स मुस्लिम अकसर आरएसएस और बीजेपी का एजेंट होने का आरोप भी झेलते हैं।

लेकिन एक्स मुस्लिम कम्युनिटी सरकार की ओर मदद के लिए देख रही है। वे अपने लिए कुछ कानूनी व्यवस्था चाहते हैं ताकि बिना खतरे के शांति से जीवन जी सकें। इसके चलते वे पहली बार एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं। वे 9 जनवरी को एक्स मुस्लिम डे मना रहे हैं। उन्होंने अपनी क्म्यूनिटी के लिए एक लोगो भी जारी किया है। हालांकि अभी हाल ये है कि इनमें से अधिकांश के यूट्यूब चैनल भारत में बैन कर दिए गए हैं। इससे ये निराश हैं। हालांकि चैनल देखने के लिए आप यदि यूट्यूब सेटिंग में जाकर अपनी कंट्री को इंडिया से बदलकर मुस्लिम देशों के अलावा कहीं और का कर देंगे तो आप इनकी स्ट्रीम देख पाएंगे।

अकल दखल हराम है कि दुनिया में इनका तर्क मौलवी और मौलानाओं को असहज कर रहा है। यही कारण आजकल मौलवी युवा मुस्लिमों को एक्स मुस्लिमों के चैनल से दूर रहने के लिए कहने लगे हैं। हाल ही में आए पीयू रिसर्च सेंटर के सर्वे ने उनकी नींद उड़ा दी है। इस सर्वे में यह सामने आया है कि भारत में नास्तिकों की सबसे ज्यादा संख्या मुस्लिमों में है। इस रिपोर्ट के आधार पर साहिल कहते हैं कि भारत में 1.20 करोड़ एक्स मुस्लिम हैं। इन आंकड़ों से ऐसा लगता है कि एक मौलवी ने सच ही कहा है कि एक्स मुस्लिम की सुनामी आने वाली है।

हाल ही में एक्स मुस्लिम साहिल ने ये दावा भी किया था कि इस्लाम की जन्मभूमि सउदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान एक्स मुस्लिम हो गए हैं बस घोषणा होने बाकी है। यही एक्स मुस्लिम का एक्स फैक्टर है जिसने दुनिया के एक धर्म में बैचेनी बढ़ा रखी है।

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