27th July 2024

रनबीर कपूर को निमंत्रण इसलिए …

कईं लोगों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किए जाने वाले कईं अतिथियों को लेकर चिंता है । यदि नामों में जाएं तो कईं लोग रनबीर कपूर, आलिया भट्ट, टाईगर श्राफ, अक्षय कुमार को आमंत्रित किए जाने को लेकर आपत्ति जता रहे हैं। इनका कहना है कि इनका राम मंदिर आंदोलन में क्या योगदान है जो इनको बुलाया जा रहा है? जो लोग अतीत में जीते हैं उनके लिए यह बात ठीक हो सकती है लेकिन जो भविष्य की ओर देखते हैं उन्हें पता है कि इन्हें क्यों बुलाया जा रहा है।

फिर भी यदि आप इसका तार्किक जवाब चाहते हैं, थोड़ा अपने आसपास देखना चाहिए। यदि आपको क्रिकेट देखने का शौक है तो आप निश्चित रूप से हाशिम आमला, इमरान ताहिर और मोईन अली जैसे खिलाड़ियों को पहचानते होंगे। इन सभी में तीन बातें समान हैं। पहली कि ये तीनों मुस्लिम हैं। दूसरी ये गैर मुस्लिम देशों की टीम में खेल रहे हैं और तीसरी इनका गेटअप। ये सभी इस्लामिक जीवन शैली को प्रमोट करते हैं। आमला, ताहिर और मोईन अली दाढ़ी तो रखते हैं, लेकिन मूछ नहीं रखते। ये पूरी तरह से इस्लामिक तरीका है।

लेकिन अभी भी आप ये पूछ सकते हैं कि इसमें क्या खास है तो आपको इसके लिए पाकिस्तानी और बांग्लादेश के क्रिकेट खिलाड़ियों को भी देखना होगा। ये दोनों मुस्लिम देश हैं लेकिन क्या इन दोनों देशों की टीम में कोई ऐसा खिलाड़ी है जो दाढी रखता हो और मूछ नहीं? तो इसका जवाब है नहीं।

यानी कि इस्लामिक देशों से खेलने वाले मुस्लिम खिलाड़ियों का गेटअप अपने धर्म के अनुसार नहीं है लेकिन गैर मुस्लिम देशों से खेलने वाले खिलाड़ी मुस्लिम गेटअप में रहते हैं क्योंकि वे इस्लाम प्रायोजित प्रचारक हैं। प्रायोजित इसलिए क्योंकि जब पाकिस्तानी मूल के इमरान ताहिर टीम में आए थे तो उनका गेटअप एक आधुनिक युवा का था। बालों में रंग, ना मूछ ना दाढ़ी। बाद में वे इस्लामिक गेटअप में आ गए।

इस्लाम इनका उपयोग इस्लामिक युवाओं को उदाहरण के रूप में करता है। यदि किसी पाकिस्तानी खिलाड़ी को इस्लामिक एंबेसडर बनाया जाए तो उसका वो प्रभाव नहीं होता जितना कि किसी गैर मुस्लिम देश से खेलने वाले खिलाड़ी का होता है। इसी शृखंला में एक नाम साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी वेन पार्नेल का भी है। वे भी मुस्लिम हो चुके हैंं। उनका नाम वाहिद हो चुका है और वे भी दाढ़ी रखते हैं लेकिन मूछ नहीं।

बात यहीं समाप्त नहीं होती है। आपको बॉलीबुड एक्ट्रेस सना खान याद है। एक बी ग्रेड की अभिनेत्री जिन्होंने कुछ सेमी पोर्न फिल्मों में काम किया। वे बिग बॉस में भी दिखाई दी थीं। उनकी छवि बॉलिवुड में सेक्स सिंबल की रही है लेकिन एक दिन अचानक वो एक मौलवी की पत्नी बन गईं और अब नख से शिख तक बुरके में दिखाई देतीं हैं। वे भी प्रायोजित इस्लामिक धर्म प्रचारक हैं जो कि मुस्लिम लड़कियों को यह संदेश देने के लिए उपयोग की जाती हैं कि आधुनिक जीवन शैली में कुछ नहीं है नहीं तो बॉलीवुड की एक हॉट अभिनेत्री कभी दीन का इस तरह पालन नहीं करती।

जहां तक रनबीर और आलिया को अयोध्या बुलाने का प्रश्न है तो इससे रनबीर कोई सनातन के प्रचारक हो जाएंगे ऐसा नहीं है। लेकिन वे सनातन से जुड़ाव अवश्य महसूस करेंगे। उन्हें लगेगा कि पांच सौ साल के संघर्ष के बाद जो मंदिर हिन्दुओं को मिला वे कम से कम उसकी घटना के साक्षी तो हैं। हो सकता है कि उन पर इसका कोई असर न पड़े लेकिन उम्मीद तो करना चाहिए। आखिर अयोध्या का एक निमंत्रण इसके लिए छोटा निवेश है।

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