भारत में 1125 मरीजों पर होगा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल
यह ट्रायल नई दिल्ली स्थित एम्स में होंगे , मरीजों का चयन भी किया
नई दिल्ली
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच खबर है कि भारत में कोरोना का वैक्सीन बनाने का काम तेजी से चल रहा है और इसका मानव ट्रायल 1125 मरीजों पर किया जाएगा। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वैक्सीन के 3 फॉर्मुलेशन ट्राय किए जाएंगे। पहले चरण में देखा जाएगा कि ये कितना सेफ है और दूसरे चरण में देखा जाएगा कि इसका कितना डोज़ दिया जाना चाहिए। तीसरे फेज़ में इसका प्रयोग ज्यादा ज्यादा लोगों पर जाएगा।
वैक्सीन के बारे में और जानकारी देते हुए डॉ गुलेरिया ने बताया कि इसके साथ एक कंट्रोल आर्म भी होगा। इसे प्लेसिबो कहा जाता है। कुछ मरीजों को वैक्सीन दिया जाएगा और कुछ को कंट्रोल आर्म । इसके माध्यम से दोनों प्रकार के मरीजों की इम्युनिटी में अंतर को देखा जाएगा।
1125 मरीजों का चुनाव
डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि यह ट्रायल एम्स में ही किए जाएंगे और इसके लिए 12 से 65 वर्ष की आयु वर्ग के 1125 सिंपलों का चुनाव कर लिया गया है । पहले चरण में 18 से 55 वर्ष की आयु के 375 स्वस्थ लोगों के ऊपर वैक्सीन का परीक्षण होगा। दूसरे चरण में 12 से 65 वर्ष की आयु वर्ग के साढे सात सौ लोगों पर इसका परीक्षण किया जाएगा।
कुल साथ कंपनियां भारत में कोरोना का विकसित बनाने के काम में लगी हुई हैं। जल्द इनके ट्रायल शुरु कर दिए जाएंगे। इसके पहले इंग्लैंड में वैक्सीन का मुनष्य पर ट्रॉयल किया जा चुका है हालांकि अब तक इसके परिणाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
भारत में ये कंपनियां बना रहीं वैक्सीन
भारत में वैक्सीन बनाने के काम लगी कंपनियों में भारत बायोटेक कोवाक्सिन के नाम से वैक्सीन बना रही हैं तो जायडस कैडिला जायकोव डी के नाम से, इसके अलावा पेनासिया बायोटेक और इंडियन इम्यूनोलॉजिक्स विदेशी कंपनियों के सहयोग से इस काम में लगी हैं। इसके अलावा दो और कंपनिया भी इस काम में लगी हैं।
Great
May god give all pharma companies success in their way of corona vaccines