पीएम की सुरक्षा में लगे विशेष सशस्त्र वाहनों को अनुमति देने से एनजीटी का इंकार

एनजीटी ने खारिज की स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की याचिका

एनजीटी यानी कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रिंसिपल बेंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की तीन स्पेशल आर्मर्ड व्हीकल के पंजीयन को बढ़ाने की अपील खारिज कर दी। एनजीटी ने ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के पालन में किया है जिसमें दिल्ली से 10 साल और उससे अधिक पुराने डीजल वाहनों को बाहर करने का आदेश दिया गया था।

एसपीजी ने कहा कि यह स्पेशल आर्म्ड व्हीकल दिसंबर 2029 तक के लिए रजिस्टर्ड किए गए थे लेकिन 10 साल का नियम लागू होने के बाद 12 दिसंबर 2024 के बाद यह वाहन अपंजीकृत वाहनों की श्रेणी में आ जाएंगे। मामले में एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच के चेयरपर्सन प्रकाश श्रीवास्तव और ए सेंथिल वेल ने कहा कि निर्विवाद रूप से इन वाहनों के पंजीयन के 10 साल ही पूरे होंगे लेकिन यह डीजल वाहन हैं और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नहीं चल सकते।

बेंच ने आगे कहा कि यह सही है कि यह विशेष उद्देश्य के लिए बनाए गए वाहन हैं और प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इनका उपयोग किया जाता है। दूसरा यह भी कि पिछले 10 साल में इनका उपयोग भी कम हुआ है लेकिन फिर भी सर्वोच्च न्यायालय के 2018 के निर्देशों को देखते हुए हम इनको अनुमति नहीं दे सकते।

इन वाहनों को अनुमति देने की याचिका स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप ने लगाई थी जो कि केबिनेट सेक्रेटेरिएट के अधीन आता है। इसमें मांग की गई थी कि 10 वर्ष पूरा हो जाने के बाद भी इन वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चलने और पंजीकरण कराने की अनुमति दी जाए।

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