मोदी से संबंधों का ट्रम्प को अमेरिकी चुनाव में नहीं मिल रहा फायदा
सर्वे के अनुसार केवल 22 प्रतिशत भारतीय ट्रम्प को वोट देने का सोच रहे हैं
वाशिंगटन
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)के बीच की कैमिस्ट्री दुनिया ने देखी है। यह माना जाता है कि मोदी और ट्रंप के बीच जिस स्तर के संबंध हैं वैसे अमेरिकी राष्ट्रपति के किसी अन्य देश के नेता से नहीं है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections) हो रहे हैं और एक सर्वे से पता चला है कि डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में मोदी के साथ गर्मजोशी भरे संबंधों का कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है क्योंकि 78% अमेरिकी भारतीय उनके विरोधी जो बिडेन (Joe Biden) को वोट करने की सोच रहे हैं।
अमेरिकी राजनीतिक विश्लेषकों के हिसाब से यह थोड़ा चौंकाने वाला ट्रेंड है। अमेरिका में 41.61 लाख भारतीय मतदाता (NRI) हैं, इसके चलते चुनाव मैदान में उतरी दोनों प्रमुख दल रिपब्लिक (Republican) और डेमोक्रेट (Democrat) इनका समर्थन पाने के लिए बेताब रहते हैं। 2008 तक भारतीय मतदाताओं का समर्थन डेमोक्रेट को मिलता रहा है।
बराक ओबामा के पक्ष में 93% भारतीय अमेरिकियों ने वोट किया था। उसके बाद से यह वोट लगातार रिपब्लिकन की तरफ से होता रहा है और 2016 में भारतीय समुदाय ने डोनाल्ड ट्रंप को सपोर्ट किया था।
सितंबर का है सर्वे
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान होगा। इसके पहले सितंबर माह में कार्नेजी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया ने मिलकर यह सर्वे किया है। इस सर्वे में 1200 भारतीय अमेरिकियों की राय ली गई है।
खास बात यह है कि जो भारतीय ट्रंप को वोट करना चाहते हैं उनमें से 76% ऐसे हैं जो कि मोदी के कामकाज से संतुष्ट हैं जबकि बिडेन को वोट करने वाले भारतीयों में मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ 52% है। कुल मिलाकर इस सर्वे में यह निकल कर आया है कि 48% भारतीय अमेरिकी मोदी के कामकाज से खुश है तो 32% नाराज।
किन आधारों पर वोट करते हैं एन आर आई
अमेरिकी राजनीतिक विश्लेषकों के हिसाब से भारतीय अमेरिकी भारतीय राजनीतिक परिस्थितियों से प्रभावित होकर मतदान करते हैं। इसे देखते हुए जिस तरह के संबंध मोदी और ट्रंप के बीच है या माना जा रहा था कि इस बार भी रिपब्लिकंस को भारतीय मतदाताओं का ज्यादा समर्थन मिलेगा लेकिन सर्वे के परिणाम इसके उलट हैं। इसके लिए जो कारण बताया जा रहा है वह यह है कि डेमोक्रेट्स ने उपराष्ट्रपति पद के लिए भारतीय मूल की कमला हैरिस (Kamala Harris) को प्रत्याशी बनाया है। इसके चलते भारतीयों का झुकाव डेमोक्रेट्स के प्रति ज्यादा है।