नोट छापने में पिछडी सरकार, लक्ष्य के आधे नोट ही छप सके हैं इस साल
100 और 50 रुपए के नोट ही छप सके, 500 के नोट छापने का काम अब भी जारी
नासिक.
भारत सरकार ने इस वित्त वर्ष में 510 करोड़ रुपए के10, 20, 50, 100, 200और 500 के नोट छापने का लक्ष्य तय किया था लेकिन दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक आधे नोट ही छप सके हैं। इसके चलते नासिक की नोट प्रेस में अब रविवार की भी छुट्टी नहींं है। बताया गया है कि इस तरह की हाल के पीछे कोरोना जिम्मेदार है क्योंकि प्रेस में मार्च से लेकर मई तक काम नहीं हुआ है।
मई में काम शुरू हुआ लेकिन बहुत कम कर्मचारियों के साथ। इसके चलते नोट की छपाई का काम पिछड़ गया है। नासिक नोट प्रेस सरकार की सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी एसपीएमसीआईएल (SPMCIL) की ही एक इकाई है।
करेंसी नोट प्रेस ने 100 रुपये और 50 रुपये के नोट छापने का टारगेट पूरा कर लिया है। मौजूदा समय में यह 500 और 20 रुपये के नोट छाप रही है और जल्द ही यहां पर 200 रुपये और 10 रुपये के नोटों की छपाई भी शुरू होगी। बता दें कि देश में अभी कुल चार नोट प्रेस हैं, जिनमें दो एसपीएमसीआईएल की हैं और दो भारतीय रिजर्व बैंक की हैं और नासिक की प्रेस इनमें से ही एक है। एसपीएमसीआईएल की दूसरी यूनिट मध्य प्रदेश के देवास में है।
वहीं भारतीय रिजर्व बैंक की दो यूनि़ट कर्नाटक के मैसूर और पश्चिम बंगाल से सालबोनी में हैं।