बार काउंसिल और बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की मांग को लेकर याचिका

याचिकाकर्ता ने मध्य प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन में भी की महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग

इंदौर

शहर की अधिवक्ता नेहा पाठक ने उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में स्टेट बार काउंसिल सहित मध्य प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की मांग को लेकर याचिका दायर की है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए हैं। जस्टिस प्रणय वर्मा ने मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में महिला वकीलों के लिए पद आरक्षित किए जाने का आदेश दे चुका है।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता नेहा पाठक ने बताया कि बड़ी संख्या में महिला वकील इस प्रोफेशन में है लेकिन स्टेट बार काउंसिल सहित सभी बार एसोसिएशंस में उनका प्रतिनिधित्व उस अनुपात में नहीं हैं। हाल यह है कि महिलाओं के लिए कार्यकारिणी में जो पद आरक्षित हैं, उसके अलावा शायद ही कोई महिला बार एसोसिएशन में कभी पहुंचती हो? लगभग आधी आबादी को स्टेट बार काउंसिल और बार एसोसिएशन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है । ऐसा लगता है कि जब तक उनके प्रतिनिधित्व के लिए नियम नहीं बनाए जाएंगे तब तक यह संभव नहीं होगा। इसके चलते हमने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका का दायर की है।

अधिवक्ता नेहा पाठक ने कहा कि 106वें संविधान संशोधन के बाद में महिलाओं को लोकसभा और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में 33% आरक्षण का प्रावधान किया गया है तो ऐसे में बार एसोसिएशंस और बार काउंसिल को भी इससे अछूता नहीं रहना चाहिए। उन्होंने अपनी याचिका में इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 14 के अधीन दिए गए मौलिक अधिकारों को भी आधार बनाया है।

ये है मांग

  • राज्य बार काउंसिल और मध्य प्रदेश राज्य की अन्य संबद्ध बार एसोसिएशनों के उपनियमों में आवश्यक दिशा-निर्देश, नीतियाँ या संशोधन तैयार करने और उन्हें लागू करने के लिए उचित निर्देश या आदेश जारी करें, जिससे महिला अधिवक्ताओं के लिए 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व और आरक्षण सुनिश्चित हो।
  • प्रतिवादियों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 की भावना के अनुरूप राज्य भर की बार एसोसिएशनों की चुनाव प्रक्रिया में समानता और लैंगिक समावेशिता लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दें।
  • मध्य प्रदेश बार एसोसिएशन और बार काउंसिल के चुनावों में महिला वकीलों के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का निर्देश देते हुए, परमादेश या किसी अन्य उपयुक्त रिट या निर्देश के रूप में एक उपयुक्त रिट, आदेश या निर्देश जारी करें।

सुप्रीम कोर्ट बार में लागू

याचिका कर्ता के वकील निमेष पाठक ने बताया कि हाल ही में 6 मई को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने निर्देश दिया कि इस बार के चुनाव में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव पद को महिला वकीलों के लिए आरक्षित किया जाए। इसके अलावा, कार्यकारी समिति में पहले से लागू एक-तिहाई महिला आरक्षण भी बना रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी, 2025 को दिल्ली सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन और दिल्ली टैक्स बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति में कोषाध्यक्ष का पद और महिला वकीलों के लिए 30% सीटें आरक्षित करने का निर्देश दिया। पाठक ने बताया कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी बार एसोसिएशन में भी 30% सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया है। ऐसे में पर्याप्त प्रतिनिधित्व का अवसर मध्य प्रदेश की महिला वकीलों को भी मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह के बाद होगी फिलहाल कोर्ट ने संबंधित पक्ष कोनोटिस जारी किए हैं।

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