NEET को रद्द किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटिशन दाखिल

नए तथ्य मिलने को बनाया आधार, पूरी प्रक्रिया दोष पूर्ण होने का किया दावा

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नीट पेपर लीक मामले में परीक्षा को रद्द न किए जाने का निर्णय किए जाने के लगभग एक माह बाद स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने सर्वोच्च न्यायालय में पुर्नविचार याचिका यानी रिव्यू पेटिशन दाखिल की है। याचिका में फिर से नीट यूजी कराए जाने की मांग की गई है । इसके संबंध कहा गया है कि परीक्षा में सिस्टेमेटिक फैल्यर हुआ है जिसके चलते 2024 की परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस याचिका में छात्रों ने दावा किया है कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा नीट को रद्द न किए जाने का फैसला दिए जाने के बाद से महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं। इस मामले सामने आए नए साक्ष्य कईं राज्यों में सिस्टमैटिक फैल्यर यानी प्रणालीगत विफलता के मामले सामने आए हैं। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट के दो अगस्त 2024 के आदेश के उस आधार चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि पेपर लीक से फायदा उठाने वाले स्टूडेंट्स को को ईमानदार स्टूडेंट्स से अलग करना संभव नहीं है। समीक्षा याचिका में कहा गया है कि इन नए प्रमाणों को न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में लाया जाना जरुरी है क्योंकि ये विषय व्यापक जनहित से जुड़ा है। इसे व्यापक सार्वजनिक हित में अनदेखा नहीं किया जा सकता है।”

सीकर के सेंटर्स पर सफलता का प्रतिशत अधिक क्यों ?

समीक्षा याचिका में कहा गया है, “‘शहर-केंद्रवार डेटा विश्लेषण’ (जिसे अनुलग्नक पी- के रूप में संलग्न किया गया है) से पता चलता है कि कुल 4738 परीक्षा केंद्रों में से 60 केंद्र ऐसे हैं, जहां पर नीट में सफल परीक्षार्थियों का प्रतिशत लगभग 80% है, इन 60 केंद्रों में से चार में 85% से अधिक का असंभव सफलता अनुपात है। इसके अतिरिक्त, इन 60 केंद्रों में से 39 केवल एक शहर-सीकर से हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह की सफलता प्रतिशत वाले परीक्षा केंद्र दिल्ली, मुंबई , चेन्नई आदि जैसे महानगरों से भी होना चाहिए थे, जैसा कि सभी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में देखा जाता है कि इन शहरों का सफलता प्रतिशत अन्य की तुलना में अधिक होता है।। इसके विपरीत, 2417 अन्य केंद्रों पर सफल उम्मीदवारों का औसत प्रतिशत 50% से कम है।”

इसमें छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि ‘पेपर लीक के खुलासे के बाद गुम हुए 16 मोबाइल फोन धनबाद के एक तालाब से बरामद किए गए हैं।’ याचिका में ग्रेस मार्क्स देने में ‘लापरवाही’, ओएमआर शीट जारी करने, पेपर लीक की भविष्यवाणी करने आदि के बारे में भी चिंता जताई गई है। फिलहाल ये जानकारी नहीं मिली है कि न्यायालय इस मामले में कब सुनवाई करेगा।

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