10वीं और 12वीं की परीक्षा की भाषा को लेकर त्रिपुरा में आदिवासियों का अनिश्चितकालीन चक्का जाम

एक और भाषाई विवाद

सोमवार की सुबह से त्रिपुरा में इंडीजीनस पीपल्स फ्रंट ऑफ़ त्रिपुरा की छात्र इकाई त्रिपुरा इंडीजीनस स्टूडेंट फेडरेशन ने अनिश्चितकालीन चक्का जाम शुरू कर दिया है। मामला 10वीं और 12वीं की परीक्षा में स्थानीय भाषा कोकबोरोक के प्रश्न पत्र की लिपि को लेकर है। कोकबोरोक एक बोली है जिसकी अपनी कोई लिपि नहीं है और इसे त्रिपुरा की अधिकांश जनजातीय जनसंख्या द्वारा बोला जाता है। जनवरी में त्रिपुरा बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन ने इस पेपर को बंगाली लिपि में लिखने के लिए कहा था लेकिन जनजातीय छात्रों की मांग है कि उन्हें रोमन लिपि में लिखने की अनुमति दी जाए। 

राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 1 मार्च से प्रारंभ हो रही है इसे देखते हुए सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत छात्र संगठन ने पूरे प्रदेश में चक्का जाम शुरू कर दिया है। 

त्रिपुरा बोर्ड फॉर सेकेंडरी एजुकेशन (TBSE) का कहना है कि उसके पास रोमन लिपि में कॉपियों का मूल्यांकन करने वाली शिक्षकों की कमी है, इसके चलते कोकबोरोक की परीक्षा बंगाली लिपि में ली जाएगी। इस मुद्दे पर त्रिपुरा के जनजातीय संगठनों की ओर से विरोध शुरू हो गया। सरकार और विरोध कर रहे नेताओं के बीच इस विषय पर चर्चा हो चुकी है लेकिन अब तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है। मुख्यमंत्री माणिक साहा का कहना है कि उन्होंने इस विषय पर सीबीएसई से बात की है। वे सीबीएसई के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। लिपि की समस्या से केंद्र सरकार को भी अवगत करा दिया गया है। 

सोमवार शुरू हुए चक्का जाम के दौरान फायर ब्रिगेड एंबुलेंस शादी में लगे वहां दूध के वहां तथा पानी की सेवा में लगे हुए वाहनों को ही निकलने की अनुमति दी जा रही है। त्रिपुरा पुलिस के मुताबिक अब तक कि चक्का जाम के दौरान किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली है। 

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