22nd November 2024

सात जगह की गई थी प्रधानमंत्री का रास्ता रोकने की तैयारी

31 दिसंबर को तैयारी के लिए जमा हुए थे 7 संगठन


जिस संगठन ने रास्ता रोका उसके प्रमुख को केंद्र की यूपीए सरकार ने भेजा था जेल

चंडीगढ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रास्ता रोकने की तैयारी एक जगह पर नहीं थी। कुल मिलाकर साथ जगहों पर सात अलग-अलग संगठन के लोग जमा हुये थे। खास बात यह है कि इसके लिए सबसे अच्छी जगह फ्लाईओवर साबित हुई। यहां पर रास्ता रोकने की जिम्मेदारी बीकेयू क्रांतिकारी नामक किसान यूनियन के पास थी इस किसान यूनियन को कट्टर माओवादी किसान यूनियन माना जाता है।

पता चला हे कि रास्ता रोकने की योजना 31 दिसंबर को हुई बैठक में बनी थी। बरनाला ने हुई इस बैठक में सात यूनियनों ने हिस्सा लिया था। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उन्हें इस बैठक की भनक कैसे नहीं लगी? 

प्रधानमंत्री का रास्ता रोके जाने के मामले में जानकारी देते हुए क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रेस सचिव अवतार महमा ने बताया कि 31 दिसंबर को बरनाला में सात किसान यूनियनों की बैठक हुई थी, जिसमें पीएम के दौरे के दौरान बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा,  “प्रत्येक संगठन को एक गांव में अपनी ताकत के आधार पर अलग-अलग जगहों पर विरोध करना था। बीकेयू क्रांतिकारी पियारेना गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने सुबह साढ़े दस बजे से मार्ग की घेराबंदी कर रखी थी।”

यूनियन के अध्यक्ष को 2009 में कांग्रेस सरकार ने भेजा था जेल

प्रधानमंत्री का रास्ता रोकने की जिम्मेदारी लेने वाले किसान संगठन बीकेयू क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत फूल को 2009 में  यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया और पांच महीने तक जेल में रखा गया। उन्हें कथित तौर पर माओवादी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी।

 ‘अभिमानी मोदी को सिखाया सबक’ – बोला संगठन

बीकेयू (क्रांतिकारी) के महासचिव बलदेव जीरा ने दावा किया है कि किसानों ने “अभिमानी मोदी” को सबक सिखाया है। पीएम के काफिले के पीछे हटने के बाद उन्होंने प्रदर्शनकारियों की सभा से कहा, “उसने तुहाड़े रास्ते विच किल पाए सी, आज तुहादी तकत ने मोदी नु भाजा ता नैतिकता।”

 शांतिपूर्ण धरना दे रहे लोगों पर नहीं चला सकता गोली

वहीं इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि प्रधानमंत्री पर कोई हमला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे लोगों पर गोली नहीं चला सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज पंजाब दौरे के विरोध में किसानों के एक समूह ने पियारेना गांव के पास फ्लाईओवर को जाम कर दिया था। जिस समय इन प्रदर्शनकारियों ने घुड़सवारों को आते देखा, वे कथित तौर पर सड़कों पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। 

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