एक हजार रुपए जेब में लेकर निर्दलीय चुनाव लड़ने उतरा छात्र
हलद्वानी विधानसभा से मैदान में उतरा युवा
हलद्वानी
मुमकिन है मेरी आवाज दबा दी जाए, लेकिन मेरा लहजा कभी फरियादी नहीं होगा। लोकतंत्र को लेकर युवाओं से यहीं उम्मीद की गई थी लेकिन देश में चुनाव पार्टियों और पैसे ने हाईजैक कर लिए हैं। इसके बावजूद उत्तराखंड में एक छात्र ने एक हजार रुपए जेब में लेकर चुनाव में खम ठोकने की ठानी है। 28 साल का यह युवा ग्रेजुएट है और कभी सिविल सर्वेंट बनना चाहता है लेकिन अभी वो हलद्वानी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है।
इस युवा का नाम दिव्यांशु वर्मा है। उम्र है 28 साल और फेसबुक प्रोफाइल से पता चलता है कि वो कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित है। दिव्यांशु के आर्थिक हालात किसी भी तरह से चुनाव लड़ने लायक नहीं हैं। क्योंकि उसके पिता पेट्रोल पम्प पर काम करते हैं और उनके पास कोई पुश्तैनी संपत्ति भी नहीं हैं।
इसका पता दिव्यांशु के चुनावी एफिडेविट से भी चलता है । इसके अनुसार दिव्यांशु के पास कुल दो लाख रुपए की अचल संपत्ति है और जेब में कुल एक हजार रुपए हैं। ये सही है कि महंगे होते लोकतंत्र में इस राशि से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है। लेकिन दिव्यांशु का कहना है कि मैं जीतने के लिए चुनाव लड़ भी नहीं रहा हूं। मेरा उद्देश्य है कि युवा राजनीति में आगे आएं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों से टिकट मिलना आम आदमी के लिए आसान नहीं हैं। वे केवल अपने और अपने परिजनों को टिकट देते हैं।
दिव्यांशु पीजी कॉलेज से बीए की पढ़ाई करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे थे। उसी समय उन्हें लगा कि चुनाव लड़ना चाहिए। उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल देखकर लगता है कि वे मूक पशुओं को लेकर भी संवेदनशील हैं और उनकी मदद करते रहते हैं। एक स्थान पर उन्होंने हलद्वानी में पशुओं के एक्स-रे की सुविधा न होने की बात भी उठाई है।
इसी सीट से पिछले दो बार से वरिष्ठ कांग्रेस नेता इंदिरा ह्रदयेश विधायक हैं। इस बार इस सीट पर कांग्रेस ने उनके बेटे को टिकट दिया है।