अमित शाह पर एफआईआर क्यों नहीं की? जज ने पुलिस कमिश्नर से पूछा
कोर्ट ने पूछा मुख्यमंत्री के बेटे ने मंदिर में जन्मदिन कैसे मनाया ?
बंगलुरु
कोरोना काल में हुई भाजपा की एक चुनावी रैली में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेलागावी के पुलिस कमिश्नर को जमकर फटकार लगाई है। न्यायाधीश ने ने पुलिस कमिश्नर से पूछा कि चुनावी रैली में शामिल होने वाले लोगों और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ उन्होंनेगा इडलाइन का पालन न करने पर एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की ?
सुनवाई के दौरान कनार्टक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका और सूरज गोविंदराज की डिविजन बेंच ने पुलिस कमिश्नर को लताड़ लगाई। उन्होंने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि शायद कमिश्नर को कर्नाटक महामारी ऐक्ट 2020 के बारे में जानकारी नहीं है।
कोर्ट ने इस मामले में पुलिस की ओर से दिए गए जवाब पर भी असंतोष जताया और कहा कि पूरा एफिडेविट पढऩे के बाद पता चलता है कि इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। लगता है कि कमिश्नर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर ही खुश हैं। कमिश्नर स्पष्ट करें कि गंभीर परिस्थिति में नियमों का उल्लंघन होने के बावजूद केस क्यों नहीं दर्ज किया गया?”
17 जनवरी को हुई थी शाह की रैली
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 17 जनवरी को बेलागावी के डिस्ट्रिक्ट स्टेडियम में रैली करने पहुंचे थे। रैली एक स्टेडियम में हुई थी और इसमें हजारों लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के शामिल हुए थे। अदालत ने इस पर फटकार लगाते हुए कहा कि अमित शाह की रैली में हजारों लोग शामिल हुए थे और कोविड के नियमों का पालन नहीं करवाया गया।जज ने कहा, “तस्वीरों में दिखाई देता है कि 17 जनवरी को बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टैंसिंग के बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। कमिश्नर के जवाब में पता चलता है कि एक भी FIR फाइल नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री के बेटे ने मंदिर में जन्मदिन मनाया
इतना ही नहीं कोर्ट ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाय विजयेन्द्र ने कोलार के मंदिर में जन्मदिन मनाने पर भी नाराजगी जताई है और पूछा है कि लॉकडाउन में मुख्यमंत्री के बेटे मंदिर में जन्मदिन मनाने कैसे पहुंच गए? इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार ने जवाब मांगा है। यह याचिका लेट्जकिट फाउंडेशन ने दायर की है।