महिलाओं सह कर्मियों को दूध पिलायें,औरतों को केले और ककड़ी काट कर दें और कुर्सी पर न बैठें

आपने फतवों के बारे में तो जरूर सुना होगा। आमतौर में फतवे इस्लामिक मुफ्ती जारी करते हैं और इसके जरिए वे इस्लाम के मानने वालों को दिशा निर्देश देते हैं और साथ ही अपेक्षा की जाती है कि इन फतवों का पालन किया जाएगा। इसे इस्लाम में एक बाध्यकारी निर्देश के रूप में लिया जाता है। ये फतवे लेखक सलमान रश्दी से लेकर आसिफ अली जरदारी तक के खिलाफ जारी हो चुके हैं।

फतवा को और गहराई से समझने के लिए कहा जा सकता है कि .इस्लाम से जुड़े किसी मसले पर कुरान व हदीस के अंतर्गत जो हुक्म जारी किया जाता है उसे फतवा कहते हैं। फतवा केवल मुफ्ती ही जारी कर सकता है और मुफ्ती बनने के लिए शरिया कानून, कुरान और हदीस की पढ़ाई जरूरी है।

फतवों के निशानें पर अकसर महिलाएं रही हैं। इसमें उनके खानपान से लेकर उठने बैठने तक के निर्देश जारी किए गए हैं। यहां हम कुछ ऐसे फतवों की जानकारी दे रहे हैं जिनके जारी होने के बाद जो हंसी का पात्र बन गए थे।

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1. बूफे का खाना हराम है

साल 2014 में सऊदी अरब में स्टैंडिंग कमेटी ऑफ काउंसिल ऑफ सीनियर स्कॉलर्स, शेख सलेह बिन अब्दुला अल फावजान ने कहा था कि रेस्टोरेंट में बफे का खाना हराम होता है, इनके मुताबिक कोई अगर बुफे में खाना खाता है, तो वो गुनाह होगा क्योंकि वो खाना खाते वक्त वहां लेन-देन के लिए कीमत नहीं तय की जाती है और कोई पहले से तय नहीं कर पाता कि वो कितना खाना खाएगा। अब बताईए ये क्या बात हुई?

2. समोसा भी इस्लाम के खिलाफ

भारत में कईं लोग समोसे के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं लेकिन 2011 में , समोसे को भी सोमालिया एक इस्मेंलामिक ग्रिप ने बैन कर दिया। सोमालिया पर कब्जा करने वाले आतंकी संगठन अल शबाब ने लोकप्रिय स्नैक्स समोसे के खिलाफ फतवा निकाला था। इसमें कहा गया कि इस्लाम में समोसा खाना हराम है। अल शबाब ने तीन तरफा समोसा की तुलना ईसाई होली ट्रिनिटी के प्रतीक से की थी। बताईए समोसे का ट्रिनिटी से क्या संबंध हो सकता है?

3. कद्दू है हिंदू और टमाटर इसाई

कुछ फतवों ने तो सब्जियों को भी नहीं छोड़ा। मिस्र के इस्लामिक एसोसिएशन ने सब्जियों को भी धर्म में बांट दिया था। इस फतवे के जरिए सलाफी शेख ने टमाटर को ईसाई धर्म का बताया था। इसमें कहा गया कि टमाटर के दो हिस्से काटने पर उसमें क्रॉस की तरह आकृति दिखती है, जो मुसलमानों के लिए सही नहीं है। इसके पीछे बाकायदा एक कहानी भी दी गई है, जिसमें यह कहा गया है कि फिलीस्‍तीन में एक बहन को एक सपना आया, जिसमें पैगंबर साहब ने लोगों के टमाटर खाने पर बेहद दुखी थे। उसके बाद उस बहन को यह संदेश दिया कि जितना हो सके इस संदेश को पूरी दुनिया में भेजा जाए। इसके बाद ककड़ी और केले को लेकर भी फतवा जारी किया और सलाह दी कि सीताफल को सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही खाएं। फलों और सब्जियों के भी धर्म होते हैं?

4. कुर्सी पर न बैठें मुस्लिम महिलाएं

साल 2014 में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने एक फतवा जारी किया था। इसमें महिलाओं के कुर्सी पर बैठने को लेकर फतवा जारी किया था। उसने कहा कि महिलाओं को कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए क्योंकि महिलाएं जब एक खास तरीके से कुर्सी पर बैठती हैं तो वे मर्दें को उत्तेजित करती हैं। यानी कि मर्द बेचारा दूध का धुला हुआ है वो अपनी उत्तेजना को नहीं संभाल सकता है।

5. भूखा पति अपनी बीवी को खा सकता है

सऊदी अरब के शाही इमाम मुफ्ती शेख अब्दुल अजीज ने एक ऐसा विवादित फतवा जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यदि कोई शौहर भूखा है तो वह अपनी पत्नी के अंगों को काटकर खा सकता है। इसमें कहा गया था कि अगर पत्नी का शरीर पति की भूख मिटा सकता है, तो ये उस पत्नी के लिए गौरव की बात होती है। बताईए ये इंसान को आदमखोर बनाने की तैयारी नहीं लगती है?

6. फुटबॉल मैच न देखें

साउदी अरब से बीते दिन अच्छी खबर आई थी जब वहां के प्रिंस मोहम्मद सलमान ने महिलाओं को फुटबॉल मैच देखने का हक दिलाया था। बीते दिनों साउदी में जब महिलाएं मैच देखने भी आई तब दुनिया भर में इस फैसले की तारीफ हुई थी। लेकिन  यूपी के सहारनपुर के रहने वाले दारुल उलूम देवबंद के मुफ्ती अतहर कासमी ने 2018 में और इसके पहले 2015 में एक सऊदी अरब में एक मौलाना ने महिलाओं के फुटबॉल मैच देखने के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। उसका कहना था कि महिलाएं फुटबॉल मैच नहीं बल्कि फुटबॉल खिलाड़ियों की नंगी टांगे देखते हैं। बताईए अब ये भी क्या बात हुई?

7. अपने ऑफिस सहयोगी के साथ क्या करें महिलाएं?

साल 2007 में मिस्र की अल अजहर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ हदीस के हेड की ओर से अजीबोगरीब फतवा जारी किया गया था। उन्होंने कहा था कि जो महिलाएं ऑफिस में काम करती हैं। उन्हें अपने मेल कलीग्स को खुद का दूध पिलाना चाहिए। फतवे के अनुसार, मर्दो को अपनी छाती का दूध दिन में कम से कम पांच बार पिलाना चाहिए। इसके पीछे उनका मानना था कि ऑफिस में काम करने वाली महिलाएं अगर ऐसा करती हैं, तो उनके बीच मां-बेटे का रिश्ता कायम हो जाएगा। इसके चलते वे आपस में शारीरिक संबंध नहीं बनाएंगे।

8. पोर्न देखने वाले का हाथ प्रेगनेंट हो जाता है

इस्तांबुल में मुकाहिद सिहाद हाल ने फतवा जारी करते हुए चेतावनी दी थी कि जो शख्स अश्लील काम करता है, उनके मरने के बाद उनका हाथ गर्भवती हो जाता है और वो अपने अधिकारों की मांग करता है। ऐसे में उनके फतवे का सोशल मीडिया पर यूजर्स ने खूब मजाक उड़ाया था। हमें तो इस फतवे में कोई विज्ञान नहीं मिला अब आप ही कोशिश करके देखिए!

9. महिलाएं साबुत केले और खीरे से दूर रहें

इंग्लैंड के एक मौलाना ने फतवा जारी करते हुए औरतों को सलाह दी थी कि उन्हें खीरा और केला नहीं छूना चाहिए। मौलाना को संभ‌वत: इनके ‘आकार’ से परेशानी थी। उसका मानना था कि इन फलों को छूने से महिलाओं के मन में गंदे विचार आते हैं इसलिए इन फलों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर ही महिलाओं को देना चाहिए। क्या आपने इससे बड़ा कोई चुटकुला सुना है?

10. सेक्स के लिए बदन के सारे कपड़े उतार देना तलाक के बराबर

इजिप्ट की अल-अजहर विश्वविद्यालय के पूर्व डीन रशद हसन खलील ने 2006 में एक फतवा जारी किया था। इसमें कहा गया था कि सारे कपड़े उतार कर यौन संभोग में शामिल होने वालों का विवाह अमान्य करार दे दिया जाएगा। इसलिए कोई भी कपल सेक्स करने के लिए अपने बदन से सारे कपड़े नहीं निकाल सकता। अब आप हंस सकते हैं।

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