टीएमसी में जाने के लिए 300 भाजपा कार्यकर्ता बैठे भूख हड़ताल पर
गंगाजल से शुद्धि के बाद टीएमसी ने लिया अपनी पार्टी में
बीरभूम.
बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भी राजनीति जोरों पर है। जहां पहले जहां ममता की तृणमूल कांग्रेस (TMC) में भगदड़ मची हुई थी, वहीं अब वैसा ही भाजपा के साथ हो रहा है। शनिवार को बंगाल के बीरभूम जिले में एक साथ 300 भाजपा कार्यकर्ता शुक्रवार को टीएमसी में वापस लौटे। लेकिन खास बात ये है कि ये कार्यकर्ता पार्टी में लिए जाने के लिए टीएमसी के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस कार्यालय के सामने कम से कम 300 भाजपा समर्थक सुबह भूख आठ बजे से भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि उन्हें टीएमसी में वापस लिया जाए। तीन घंटे तक वहां बैठने के बाद लगभग ग्यारह बजे टीएमसी ने इन कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया। इन्हें टीएमसी में शामिल कराने के वक्त गंगाजल से शुद्ध किया गया।
भाजपा में जाने से नुकसान हुआ
टीएमसी कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे बीजेपी कार्यकर्ताओं में से एक अशोक मंडल ने कहा कि हम चाहते हैं कि टीएमसी में हमें वापस ले लिया जाए। हमने अपने गांव के विकास को रोक दिया है। भाजपा में शामिल होने से हमें फायदा के बदले नुकसान हुआ। हम अपनी इच्छा से दोबारा वापस आना चाहते हैं। हमें जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब क हम धरने पर बैठे रहेंगे।
टीएमसी में शामिल होने वाले भाजपा युवा मोर्चा मंडल के पूर्व अध्यक्ष तापस साहा ने कहा, ”मैं भाजपा में कुछ नहीं कर सका। मैं विकास में भाग लेने के लिए टीएमसी में शामिल हो रहा हूं।”
इन तीन सौ कार्यकर्ताओं को टीएमसी का झंडा सौंपने वाले बानाग्राम के तृणमूल पंचायत प्रधान तुषार कांति मंडल ने कहा कि ये लोग पिछले कुछ दिनों से हमारी पार्टी में शामिल होने का अनुरोध कर रहे थे। आज वे पार्टी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए और वापस लेने की अपील की। मैंने अपने नेताओं से बात की और उन्हें फिर से अपनी पार्टी में शामिल कराया।
इसलिए छिड़का गंगाजल
इन कार्यकर्ताओं को पार्टी में लिए जाने के पहले गंगाजल के छिड़काव किए जाने पर पर टीएमसी नेता मंडल ने कहा कि भाजपा एक सांप्रदायिक पार्टी है। उसने अपने जहरीले विचारों को इनके दिमाग में डाला है और उनकी मानसिक शांति को खराब कर दिया है। इसलिए उन पर सभी प्रकार की बुराइयों से छुटकारा पाने के लिए शांति जल छिड़का गया। यह उनकी शुद्धि के लिए नहीं था, बल्कि उनके मन की शुद्धि के लिए था जो भाजपा द्वारा प्रदूषित किए गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, तृणमूल के सैंथिया विधायक नीलाबती साहा ने कहा कि मैंने सुना है कि इस गांव में कुछ लोग हमारी पार्टी में शामिल हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का आयोजन हमारे स्थानीय नेताओं ने किया था।
कार्यकर्ता मजबूर
हालांलि नाम न छापने की शर्त पर जिला स्तर के भाजपा नेता ने कहा कि ये सब नाटक है। दरअसल हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक टीएमसी में शामिल होने को मजबूर हैं। इस तरह के नाटक यह दिखाने के लिए किया जाता है कि यह लगे कि चुनाव के बाद कोई हिंसा नहीं हुई है। कुछ इलाकों में स्थिति इतनी खतरनाक है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के पास टीएमसी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस मामले में पार्टी के प्रदेश स्तर के नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
Kya bo li bhai sahab samay nahi aa rha hi