27th July 2024

कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को 4-4 लाख का मुआवजा नहीं दे सकते

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केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट को जवाब

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट में कोरोना महामारी से जान दबाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग की संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि वह महामारी अधिनियम के अधीन इस तरह के लोगों को मुआवजा नहीं दे सकते हैं। यह याचिका महामारी से अपनी जान गवाने वाले लोगों के परिजनों को 4- 4 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर दायर की गई थी। 

याचिका में केंद्र सरकार के महामारी अधिनियम का हवाला देते हुए कहा गया था कि अधिनियम में इस बात का प्रावधान किया गया है की महामारी से पीड़ित व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा दायर जवाब में कहा गया है कि महामारी अधिनियम में भूकंप बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में उल्लेख किया गया है। अधिनियम में किसी बीमारी से होने वाली मौत के मामले में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

 इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि यदि इस तरह का मुआवजा दिया जाता है तो डिजास्टर रिलीफ फंड की सारी राशि मुआवजे में खर्च हो जाएगी और कोरोना के खिलाफ लड़ाई पर इसका असर पड़ेगा। अपने जवाब में सरकार ने विशेष रूप से राज्यों का उल्लेख करके कहा है कि इस राशि से राज्य कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। इस मुआवजे से उनकी लड़ाई प्रभावित होगी। दूसरी बात यह भी कही है कि यदि एक बीमारी में इस तरह का मुआवजा दिया जाता है तो बाद में अन्य बीमारियों से प्रभावित लोगों को भी मुआवजे का भुगतान करना होगा। सरकार यह नहीं कर सकती के किसी एक बीमारी में मुआवजे का प्रावधान किया जाए और बाकी बीमारियों कुछ छोड़ दिया जाए। 

कार्यपालिका पर छोड़ा जाए


केंद्र सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में ही स्पष्ट कर दिया है कि नीतिगत मामलों को कार्यपालिका पर छोड़ देना चाहिए और न्यायपालिका कार्यपालिका की ओर से निर्णय नहीं ले सकती। कोरोना पीड़ितों के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र पर सरकार ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण से हुई मौतों को मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड मौतों के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। कोविड मौतों को प्रमाणित करने में विफल रहने पर संबंधित डॉक्टरों पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी

दो अलग अलग याचिकाएं दायर की गई हैँ


इससे पहले पिछले महीने 24 मई को दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। इन याचिकाओं में केंद्र और राज्यों को 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस मामले में सोमवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

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