जर्मनी ने कोरोना के लिए चीन को भेजा 130 बिलियन यूरो का बिल
कहा चीन को वायरस की सारी जानकारी थी लेकिन उसने दुनिया को अंधेरे में रखा, अब करे नुकसान की भरपाई
बर्लिन.
कोरोना की वैश्विक महामारी के लिए जर्मनी ने चीन को दोषी ठहराते हुए इसके चलते हुए आर्थिक नुकसान के लिए 130 बिलियन यूरो का बिल भेज दिया है। कोरोना के चलते हुए आर्थिक नुकसान को लेकर जर्मनी के पहले फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन भी चीन पर नाराजगी जता चुके हैं। शनिवार को अमेरीकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने भी कहा था कि कि अगर चीन ने जानबूझ कर यह सब किया है तो इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा थै कि इसे शुरू होने से पहले चीन में रोका जा सकता था लेकिन नही रोका गया, और पूरी दुनिया इसकी वजह से पीड़ित है।
यह बिल जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल ने भेजा है। इस तरह के समाचार मिलने के बाद चीन में इसे लेकर गुस्सा है लेकिन जर्मनी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। वहीं ब्रिटेन के अधिकारी अमेरिकी अधिकारियों के साथ इस बात की जांच में शामिल हो गए हैं कि वायरस वुहान वायरस लैब में उत्पन्न हुआ था, वेट मार्केट में नहीं।
जर्मनी के टेबलॉयड समाचार पत्र बिल्ड ने अपने प्रथम पृष्ठ पर इस बिल की डिटेल्स प्रकाशित की हैं। इसके हिसाब से इस राशि में 27 बिलियन यूरो कोरोना के चलते जर्मनी के पर्यटन में आई कमी के लिए, 7.2 बिलीयन यूरो जर्मन फिल्म उद्योग को हुए नुकसान के, जर्मनी की एयर लाइंस लुफ्तांसा को हुए नुकसान के लिए एक मिलीयन यूरो प्रति घंट के हिसाब से तथा 50 बिलियन यूरो जर्मनी के लघु और छोटे उद्योगों को हुए नुकसान के लिए जोड़े गए हैं। इसके अलावा इस राशि में 1784 यूरो प्रति व्युक्ति के हिसाब से भी जोड़ा जाएगा यदि जर्मनी की जीडीपी 4.2 प्रतिशत से नीचे चली जाती है।
बिल्ड की एडीटर-इन-चीफ जूलियन रीचेल्ट ने कि शी जिनपिंग, आपकी सरकार और आपके वैज्ञानिकों को बहुत पहले पता चल गया था कि कोरोनावायरस अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन आपने इसके बारे में पूरी दुनिया को गलतफहमी में रखा।