मोदी के मन की बात को यू-ट्यूब पर मिले लाइक से ज्यादा रिजेक्शन
केवल 1700 लाइक और 16000 अन लाइक मिले हैं शाम सात बजे तक
नई दिल्ली
भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के समान लोकप्रिय प्रधानमंत्री अब तक देखने में नहीं आया है। इस बात पर उनके विरोधी भी स्वीकार करते हैं। सोशल मीडिया पर लोकप्रियता के मामले में वे दुनिया के टॉप 5 शख्सियतों में से हैं। लेकिन इस रविवार को प्रसारित उनका कार्यक्रम मन की बात यूट्यूब पर पसंद नहीं किया गया। रविवार शाम 7:05 तक यूट्यूब पर भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक चैनल पर पोस्ट किया गया उनका मन की बात कार्यक्रम केवल 17 सौ लोगों ने लाइक किया इसके उलट उसे नापसंद करने वालों की संख्या 13000 थी। अब तक इसे 58000 बार देखा गया है।
सोशल मीडिया की दुनिया में इसे मोदी के लिए बड़ा झटका ही माना जाएगा। अभी कुछ दिन पहले ही महेश भट्ट की फिल्म सड़क 2 के ट्रेलर ने रिजेक्शन का नया रिकॉर्ड कायम किया था। लेकिन इस रिजेक्शन पर भी उतना आश्चर्य नहीं हुआ था जितना कि नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को रिजेक्ट किए जाने से हो रहा है। आज यह थी मोदी के मन की बात रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लॉकडाउन के दौरान उमंग और उत्साह की बात की साथ ही उन्होंने थारू समाज का उदाहरण देकर पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी देश के सामने रखा।
की गांधी और असहयोग आंदोलन की बात
उन्होंने महात्मा गांधी और उनके असहयोग आंदोलन की भी बात की और कहा कि यह समय देश में त्योहारों का समय होता है और आमतौर पर इस दौरान बहुत से मेले लगते हैं लेकिन इस बार कुरौना के चलते ऐसा नहीं हो पाया है। उन्होंने भारतीयों के अनुशासन की प्रशंसा की और कहा किस एक खिलौने और डॉग्स भारतीय पाले। लंबे समय से भारतीय पशु प्रेमी प्रधानमंत्री जी से आग्रह कर रहे थे कि वह देसी डॉग अडॉप्ट करने के बारे में मन की बात कार्यक्रम में संदेश दें।
क्या ये रणनीतिक रिजेक्शन हैं ?
पिछले कुछ समय से खस्ताहाल आर्थिक स्थिति और बढ़ती बेरोजगारी जैसी समस्याएं मोदी की लोकप्रियता पर कुछ प्रभाव डाल रही हैं। अलग-अलग राज्यों में बेरोजगारी को लेकर आंदोलन खड़ा करने की तैयारी हो रही है। कोरोना और लॉकडाउन ने इस स्थिति को और बिगाड़ा है। इसके चलते यह समय मोदी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसा लगता है कि इसके पीछे ये कारण भी हो सकते हैं। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि यह विपक्ष की रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।
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