कर्नाटक से इंजीनियरिंग और आर्किटेक्ट की पढ़ाई करने वालों को कन्नड़ भाषा पढ़ना जरूरी
बंगलुरु
विश्वेश्वरैया टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा शुक्रवार को जारी सर्कुलर के बाद यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों से बीई, बीटेक, बी प्लानिंग और बी आर्क की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को कन्नड़ भाषा पढ़ना अनिवार्य बना दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह सर्कुलर कन्नड़ विकास अधिकरण के निर्देश पर जारी किया गया है। इस तरह से कर्नाटक देश का पहला राज्य हो गया है जहां पर तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को भी क्षेत्रीय भाषा पढ़ना अनिवार्य है।
इस सर्कुलर के अनुसार आर्किटेक्चर प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स बी प्लानिंग और बीई तथा बीटेक के तीसरे सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को कन्नड़ भाषा पढ़ना अनिवार्य बनाया गया है। यह सर्कुलर एकेडमिक सत्र 2020-21 से लागू होगा।
टेक्स्ट बुक तैयार
कर्नाटक सरकार की पुस्तक बनाने वाली कमेटी ने इसके लिए दो टेक्स्ट बुक तैयार की हैं। जिनमें से एक का नाम संस्कृतिका कन्नड़ और बालाके कन्नड़ है। संस्कृति का कन्नड उन स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य होगी जो कि कन्नड़ भाषा लिख,बोल और पढ़ सकते हैं जबकि बालाके कन्नड़ उन स्टूडेंट्स के लिए होगी जो कि कन्नड़ भाषा को नहीं समझते हैं।
वीटीयू ने सभी स्वायत्तशासी कॉलेजों को सूचित कर दिया है कि वह इस एकेडमी क्षेत्र से अपने पाठ्यक्रम में कन्नड़ को शामिल कर लें। वीटीयू के कुलपति डी करीदासप्पा ने कहा है कि इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को अपनी डिग्री पूरी करने के लिए 175 क्रेडिट प्वाइंट्स की आवश्यकता होती है और इसमें कन्नड़ भाषा के क्रेडिट पॉइंट भी जोड़े जाएंगे।
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