शुगर की तरह घर पर कर सकेंगे कोरोना की जांच
घर पर कोरोना जांच की किट अब मिलगी मेडिकल स्टोर पर भी
पुणे.
कोरोना जांच के लिए फीवर सेंटर और लैबोरेटरी के चक्कर लगाने और रिपोर्ट का इंतजार करने का समय अब समाप्त हुआ। अब आप शुगर की तरह घर पर ही मिनटों में कोरोना की जांच कर सकेंगे। घर में कोविड जांच के लिए पहले टेस्टिंग किट कोविसेल्फ (CoviSelf) अगले सप्ताह के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगी। इसे पुणे के माय लैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस ने बनाया है।
यह देश की पहली होम टेस्टिंग किट है जिसे देश में इस्तेमाल के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मंजूरी दी है। माय लैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस सुजीत जैन ने बताया कि भारत में 90 फीसदी पिन कोड्स तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। साथ ही इसे ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। जैन ने कहा, ”अगले सप्ताह के अंत तक यह दवा की 7 लाख दुकानों और हमारे ऑनलाइन फार्मेसी पार्टनर्स के पास उपलब्ध होगी।”
तीन और कंपनियों की किट भी तैयारी में
आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि होम टेस्टिंग के लिए 1 कंपनी ने पहली ही आवेदन कर दिया है तो 3 अन्य कंपनियां पाइपलाइन में हैं। एक सप्ताह के भीतर 3 और कंपनियां होंगी, जो होम टेस्टिंग किट उपलब्ध कराएंगी।
वहीं कोविसेल्फ किट की कीमत 250 रुपए है। जिसमें टैक्स भी शामिल हैं। किट के साथ एक मैन्युअल होगा जिसमें बताया जाएगा कि बिना किसी स्वास्थ्यकर्मी की मदद लिए आप कैसे खुद ही कोरोना की जांच कर सकते हैं। चूंकि यह रेपिड एंटीजन टेस्ट है, इसमें केवल नेजल स्वैब की जरूरत होगी। टेस्ट में केवल 2 मिनट का समय लगेगा और 15 मिनट के भीतर आपको परिणाम पता चल जाएगा। पॉजिटिव रिपोर्ट उससे भी काफी पहले आ जाएगी। यदि रिपोर्ट 20 मिनट के बाद आती है तो यह अवैध माना जाएगा।
कई देशों में हो रही है ऐसी किट से जांच
कोरोना के लिए सेल्फ टेस्टिंग किट भारत के लिए नया है, लेकिन कई दूसरे देश पहले ही होम टेस्टिंग किट का इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भारत में मार्चts-अप्रैल में रिकॉर्ड संख्या में केस सामने आए, टेस्टिंग फैसिलिटीज पर भी काफी दबाव है और लोगों को रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
आईसीएमआर ने पहले ही कह दिया है कि कोरोना जैसे लक्षण वाले लोगों को कोविड संभावित समझकर टेस्टिंग रिजल्ट आने से पहले इलाज शुरू कर दिया जाए। आईसीएमआर ने होम टेस्टिंग को लेकर यह भी कहा है कि हर किसी को यह जांच करने की आवश्यकता नहीं है। केवल वे लोग होम टेस्टिंग करें जिनमें लक्षण हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं।
माय लैब की मौजूदा उत्पादन क्षमता 70 लाख टेस्ट किट प्रति सप्ताह की है। 14 दिन के भीतर कंपनी क्षमता को 1 करोड़ तक बढ़ाना चाहती है। रेंडम टेस्ट में औसतन 400 रुपए का खर्च आता है तो आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए करीब 800 रुपए खर्च करने पड़ते हैं।