मोदी की वाराणासी यात्रा पर विरोध की आशंका, 89 लोगों की हो रही निगरानी
15 जुलाई को मोदी पहुंचेंगे वाराणासी
वाराणासी
15 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होंगे। प्रशासन और पुलिस को लग रहा है कि उनकी इस यात्रा का विरोध हो सकता है। इसके चलते प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के विरोध या किसी तरह के उपद्रव की आशंका को देखते हुए वााराणसी पुलिस-प्रशासन की ओर से 89 लोगों को चिह्नित किया गया है। ये विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों व अन्य संस्थाओं से जुड़े लोग हैं। इनकी निगरानी बढ़ा दी गई है। इन्हें यात्रा के दौरान नजरबंद रखा जा सकता है।
कहा जा रहा है कि गंगा में लाश मिलने और कोरोना के दौरान हुई मौतों को लेकर कोई संगठन या राजनीतिक दल प्रधानमंत्री का विरोध कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है प्रदेश की राजनीति गर्मा जाएगी इसे देखते हुए कमिश्नरेट और ग्रामीण इलाकों के सभी थानों को सूची भेज दी गई है। थाना प्रभारी और उप निरीक्षकों को जिम्मेदारी मिली है कि इनकी गतिविधियों पर नजर रखें।
यदि ये लोग किसी भी तरह के ऐसे काम करते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था बाधित हो या फिर कार्यक्रम में खलल पड़ सकती है तो तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के पहले पुलिस इन्हें नजरबंद भी कर सकती है।
मोदी 15 को 5 घंटे रहेंगे वाराणसी में
पांच घंटे के प्रवास के दौरान पीएम वाराणसी को स्मार्ट बनाने की दिशा में स्वास्थ्य, शिक्षा व सामाजिक स्तर सुधारने के लिए करोड़ों के कार्यों से सशक्त करेंगे। वहीं, धार्मिक व पर्यटन को बढ़ावा देने सहित विभिन्न कार्यों के लिए 1582 करोड़ रुपये की सौगात देने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जापान सरकार की ओर से गिफ्ट में मिले अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ का जापानी राजदूत के साथ शुभारम्भ कर दोनों देशों की दोस्ती को नयी धार भी देंगे ।
पीएम सुबह करीब 10.30 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे दिल्ली लौट जाएंगे। जानकारों की मानें तो पीएम का यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री कोविड संक्रमण के कारण काशी नहीं आ सके थे, लेकिन वह संक्रमण को हराने के लिए काशी को प्रेरित करते रहे। इस दौरान कोरोना को लेकर विपक्ष के आरोपों व सवालों का वह बीएचयू की जनसभा में अपने संसदीय क्षेत्र से जवाब देना चाहेंगे।
अपने दौरे में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर देशभर में चल रहे प्रयासों के बारे में डॉक्टरों से जानेंगे। इसके साथ ही उन्हें आगे की लड़ाई के लिए प्रेरित भी करेंगे। उधर, आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री का यूपी में पहला दौरा वाराणसी को भी काफी अहम देखा जा रहा है। एक तरह से आगे की सभाओं का यह शुभारम्भ भी होगा।