9th October 2024

मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा-अल्पसंख्यकों के लिए योजनाओं से नहीं छिनते हिंदुओं के अधिकार

0

नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लिए चलाई जा रहीं कल्याणकारी योजनाएं कानूनी रूप से वैध हैं और ये असमानता को घटाने पर केंद्रित हैं। मोदी सरकार ने कोर्ट में यह भी कहा है कि इससे हिंदुओं या अन्य समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता।

शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कहा गया है कि कल्याणकारी योजनाओं का आधार धर्म नहीं हो सकता। केंद्र ने कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं अल्पसंख्यक समुदायों में असमानता को कम करने, शिक्षा के स्तर में सुधार, रोजगार में भागीदारी, दक्षता और उद्यम विकास, निकाय सुविधाओं या अवसंरचना में खामियों को दूर करने पर केंद्रित हैं।

सरकार ने कोर्ट में दिया शपथ पत्र

शपथपत्र में कहा गया, ”ये योजनाएं संविधान में प्रदत्त समानता के सिद्वांतों के विपरीत नहीं हैं। ये योजनाएं कानूनी रूप से वैध हैं क्योंकि ये ऐसे प्रावधान करती हैं जिससे कि समावेशी परिवेश प्राप्त किया जा सके और अशक्तता को दूर किया जा सके। इसलिए इन योजनाओं के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों के सुविधाहीन/वंचित बच्चों/अभ्यर्थियों की सहायता करने को गलत नहीं कहा जा सकता।”

केंद्र ने कहा कि कल्याणकारी योजनाएं केवल अल्पसंख्यक समुदायों के कमजोर तबकों/वंचित बच्चों/अभ्यर्थियों/महिलाओं/ के लिए हैं, न कि अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित सभी व्यक्तियों के लिए। याचिकाकर्ताओं नीरज शंकर सक्सेना और पांच अन्य लोगों ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म के आधार पर कल्याणकारी योजनाएं नहीं चलाई जा सकतीं।

विपक्ष में भाजपा विरोध करती थी

खास बात ये है कि विपक्ष में रहते हुए भारतीय जनता पार्टी धर्म के आधार पर चलाई जाने वाली कल्याण योजनाओं को विरोध करती थी और इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताती थी। लेकिन इस याचिका पर भाजपा सरकार के जबाव से ऐसा लगता है कि पार्टी ने अपनी नीति में बदलाव कर लिया हैै।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!